केंद्र प्रवासी मजदूरों की मदद में जुटा, लेकिन कांग्रेस, तृणमूल राजनीति कर रहीं : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (Photo Credits: IANS)

नयी दिल्ली, 15 मई. कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर व्यक्त की जा रही चिंता के बीच भाजपा ने शुक्रवार को कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने और ट्रेनें चलाने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया. केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि इन विपक्षी दलों को प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत प्रदान करने में कोई रूचि नहीं है जबकि केंद्र सरकार लगातार मजदूरों की मदद करने में जुटी है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी और कांग्रेस शासित राज्य, श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं और इस पर केवल राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने पूछा कि आखिर ममता सरकार श्रमिक ट्रेनों को चलाने की इजाजत क्यों नहीं दे रही है ? पात्रा ने यह भी दावा किया कि कई कांग्रेस शासित राज्य श्रमिक ट्रेनें चलाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा ‘‘ जिस राज्य में मजदूर फंसे हैं और जिस राज्य में उन्हें जाना है, उन दोनों राज्यों की सरकारों से अनुमति लेनी पड़ती है. अभी तक पश्चिम बंगाल की सरकार ने सिर्फ नौ ट्रेनों को जाने की मंजूरी दी है. ’’उन्होंने कहा कि कई राज्य ट्रेनों को अनुमति नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा ‘‘ उत्तर प्रदेश सरकार ने 487 ट्रेनों को प्रवेश करने की अनुमति दी है, इसलिए उत्तर प्रदेश के मजदूर आसानी से आ पा रहे हैं. बिहार की सरकार ने 254 ट्रेनों को राज्य में आने की अनुमति दी है.’’ यह भी पढ़े-बीजेपी उपाध्यक्ष ओम माथुर ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, कहा- पीएम केयर्स के पैसे से प्रवासी मजदूरों को भेजें घर

पात्रा ने दावा किया कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ ने सिर्फ 10 ट्रेनों को अनुमति दी है, झारखंड सरकार ने भी काफी कम ट्रेनों की अनुमति दी है.उन्होंने कहा ‘‘ बंगाल के लाखों मजदूर बाहर फंसे हुए हैं. ममता बनर्जी ने अजमेर दरगाह से फंसे लोगों को निकालने के लिए ट्रेन चलाई लेकिन अन्य जगहों से लोगों को निकाल कर लाने में उन्हें कोई रुचि नहीं है.’’भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछा कि आपके राज्यों की सरकारें ट्रेनों की अनुमति क्यों नहीं दे रही हैं ? उन्होंने कहा ‘‘ आज सड़कों पर जो तस्वीरें देखने को मिल रही हैं, वह इसी का नतीजा हैं.’’

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