जरुरी जानकारी | केंद्र ने सभी मंत्रालयों, विभागों, पीएसयू के लिए बीएसएनएल, एमटीएनएल की सेवाओं को अनिवार्य किया

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर केंद्र सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों, सार्वजनिक विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के लिए सरकारी दूरसंचार कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर संचार निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) की सेवाओं के उपयोग को अनिवार्य कर दिया है।

दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा जारी एक ज्ञापन में कहा गया, ‘‘भारत सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों/ विभागों, सीपीएसई, केंद्रीय स्वायत्त निकायों द्वारा बीएसएनएल और एमटीएनएल की सेवाओं के अनिवार्य रूप से इस्तेमाल की मंजूरी दी है।’’

यह भी पढ़े | Rajya Sabha Election 2020: राम गोपाल यादव होंगे यूपी राज्यसभा सीट पर एसपी प्रत्याशी.

इस ज्ञापन पर 12 अक्टूबर की तारीख अंकित है और इसे वित्त मंत्रालय से परामर्श के बाद केंद्र सरकार के सभी सचिवालयों और विभागों को जारी किया गया।

ज्ञापन में कहा गया कि बीएसएनएल और एमटीएनएल की दूरसंचार सेवाओं के इस्तेमाल को अनिवार्य करने का निर्णय मंत्रिमंडल ने लिया।

यह भी पढ़े | SBI Core Banking System Down: भारतीय स्टेट बैंक की कोर बैंकिंग सर्विस हुई प्रभावित, लेकिन ATM कर रहे हैं काम.

दूरसंचार विभाग ने सभी मंत्रालयों, विभागों, सीपीएसई और केंद्रीय स्वायत्त संगठनों से कहा है कि वे इंटरनेट, ब्रॉडबैंड, लैंडलाइन और लीज्ड लाइन जरूरतों के लिए बीएसएनएल या एमटीएनएल नेटवर्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।

यह आदेश सरकारी दूरसंचार कंपनियों के घाटे को कम करने के लिए किया गया है, जो तेजी से अपने ग्राहक आधार को खो रहे हैं।

बीएसएनएल को 2019-20 में 15,500 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जबकि इस दौरान एमटीएनएल का घाटा 3,694 करोड़ रुपये रहा।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)