नयी दिल्ली, 15 नवंबर कांग्रेस ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों का कार्यकाल बढ़ाने संबंधी अध्यादेशों को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ये कदम उसने सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करने तथा अपने हितों की रक्षा करने के मकसद से उठाया है।
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह दावा भी किया कि 29 नवंबर से आरंभ होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से 15 दिन पहले अध्यादेशों को लाना संसद का अनादर करना है।
गौरतलब है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों का कार्यकाल मौजूदा दो वर्ष की जगह अधिकतम पांच साल तक हो सकता है। सरकार ने रविवार को इस संबंध में दो अध्यादेश जारी किये।
सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा सरकार जानबूझकर संस्थाओं की साख गिरा रही है और खुद के लिए सुरक्षा पैदा कर रही है। कार्यकाल बढ़ाने का मतलब है कि मोदी सरकार अध्यादेशों के जरिये यह अधिकार प्राप्त कर रही है कि वह पदासीन व्यक्ति का कार्यकाल पांच वर्ष तक एक-एक साल के लिए बढ़ा सके। इसका मकसद संस्थाओं पर नियंत्रण करना है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘सरकार ने इस कदम से उच्चतम न्यायालय के एक हालिया निर्णय का अनादर किया है। यह सब एजेंसियों के दुरुपयोग के लिए किया गया है। आपने अगले कुछ वर्षों के लिए अपना इरादा बता दिया है।’’
सिंघवी ने कहा, ‘‘संसद के शीतकालीन सत्र से 15 दिन पहले ये अध्यादेश क्यों जारी किए गए? इसमें जनहित क्या है? इसमें सरकार का हित और भाजपा का हित है। पांच साल तो बहाना है, साहब को बहुत छिपाना है, अपने दोस्तों को बचाना है और विपक्ष को झुकाना है।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘अगर आपका (सरकार) इरादा सही है तो फिर आप कह सकते थे कि पांच साल का एक तय कार्यकाल होगा। लेकिन आपका इरादा कुछ और है। आप सिर्फ कार्यकाल एक-एक साल बढ़ाने की व्यवस्था करके पदासीन व्यक्तियों पर दबाव बनाए रखना चाहते हैं।’’
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