रामपुर, 23 सितंबर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब ‘पिंजड़े में बंद तोता-मैना’ नहीं बल्कि कानून का गहना" हैं।
नकवी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि जो लोग जांच एजेंसियों, अदालत, सरकार और व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, वे खुद सवालों से घिरे हुए हैं।
उन्होंने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि "करप्शन के क्रान्तिकारियों", "बेईमानी के बाहुबलियों" का बुरा वक्त चल रहा है, इसलिए वे बौखलाहट में "बेबुनियाद बयानबहादुर" बन बैठे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब ‘पिंजड़े में बंद तोता-मैना’ नहीं बल्कि ‘कानून का गहना’ हैं।
नकवी ने कहा, ‘‘मदरसों और वक्फ के सर्वे पर सवाल करने वाले "सियासती साजिश के सूत्रधार" हैं। भय और भ्रम का माहौल बना कर लोगों का भावनात्मक शोषण करना इनकी फितरत है। किसी को न डरने की जरूरत है न डराने की। सभी के संवैधानिक अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित हैं, उन पर कोई हमला नहीं हो सकता।’’
उनका कहना था कि पीएफआई जैसे कुछ संगठन देश के सौहार्द के ताने-बाने को ध्वस्त करने की साम्प्रदायिक साजिश कर रहे हैं, जिसे सबको मिलकर नाकाम करना है।
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