मुंबई, 1 नवंबर : उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के धड़े ने मंगलवार को कहा कि गुजरात सरकार मोरबी पुल हादसे में लोगों की मौत पर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती. उसने साथ ही सवाल किया कि इस घटना को धोखाधड़ी, साजिश का कृत्य कहा जाना चाहिए या महज हादसा कहना सही होगा? ठाकरे ने अपने दल के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में लिखा, ‘‘जब पश्चिम बंगाल में 2016 में ऐसा ही हादसा हुआ था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकार की आलोचना की थी.’’
मराठी पत्र में मोरबी के झूलते पुल के पुनर्निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किये गये. इसे हादसे के महज चार दिन पहले जनता के लिए खोला गया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार रविवार शाम हुए हादसे में 134 लोगों की मौत हो गयी. ‘सामना’ के संपादकीय के अनुसार, ‘‘क्या लोगों की जान वापस आ जाएगी? पुल के रख-रखाव के लिए जिम्मेदार कंपनी के खिलाफ जांच होनी चाहिए, लेकिन गुजरात सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती.’’ यह भी पढ़ें : भारत में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत है, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी को दुनिया भर में सम्मान मिलता है: गहलोत
उसने लिखा, ‘‘इस घटना को धोखाधड़ी, साजिश कहा जाना चाहिए या महज दुर्घटना कहना चाहिए?’’ उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के मुताबिक, ‘‘क्या पुल का पुनर्निर्माण कार्य पूरा हो गया था या नहीं? पुल पर क्षमता से अधिक लोग कैसे पहुंच गये. कई सवाल हैं और गुजरात सरकार को प्रत्येक सवाल का जवाब देना होगा. केंद्र भी अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकता.’’