नयी दिल्ली, 21 जनवरी आयकर विभाग ने जयपुर में एक सर्राफा इकाई और दो रीयल एस्टेट फर्मों के यहां छापे डाल कर 1,400 करोड़ रुपये के अघोषित सौदों का पता लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बृहस्पतिवार की इस कार्रवाई की जानकारी दी।
इन इकाइयों के कुल 31 ठिकानों पर यह कार्रवाई की गयी।
सीबीडीटी ने बताया कि इनमें से आवासीय परियोजनाओं का काम करने वाली एक रीयल एस्टेट फर्म के छह-सात साल के अघोषत लेन देन के पूरे विवरण, उसके मुख्य व्यावायिक कार्यालय के तहखाने में छुपा कर रखे गए थे।
इस कार्रवाई में कर चोरी से जुड़े तमाम दस्तावेज, डिजिटल सूचनाएं, बेहिसाब खर्चे, सम्पत्तियों, नकद कर्जों और अग्रिम तथा धन की रसीदों को जब्त किया गया है। इस समूह के कुल 650 करोड़ रुपये के बेहिसाब लेन देन का पता लगा है।
इसी तरह रत्न और आभूषण कारोबारी के यहां छानबीन में एक दराज से छह साल के अघोषित कारोबार के दस्तावेज पकड़े गए है। इनमें 15 करोड़ रुपये की बेनामी सम्पत्तियों के कागज भी मिले हैं। इस समूह ने आभूषण विनिर्माण के अपने कारोबार का कोई विवरण कभी नहीं दिया था।
अधिकारी उसके आभूषणों के सौदे के लिए डाले कर अक्षर एवं अंक वाले कोड खोलेने में लगे हैं ताकि उनके वास्तविक मूल्य का आकलन किया जा सके।
रीयल एस्टेट कारोबार में लगा दूसरा समूह फार्म हाउस, टाउनशिप और आवसीय परिसरों को विकास करता है। इस समूह के छापे में एक ऐसा दस्तावेज मिला है जिसमें दिखाया गया है कि उसने एयरपोर्ट प्लाजा में एक आवसीय परियोजना एक रूपये में अधिग्रहीत की। इस परियोजना का मूल्य दूसरी जगह लेखा-जोखा में 133 करोड़ रुपये दर्शाया गया है।
इस समूह ने अपनी बहुत सी परियोजनाओं की काफी आय का हिसाब घोषित नहीं किया है।
सीबीडीटी के अनुसार आभूषणों का कारोबार करने वाले सर्राफा समूह ने विभिन्न लोगों को 122.67 करोड़ रुपये के कर्ज दे रखे थे जिनसे उसे ब्याज मिलता था। कंपनी ने आयकर विभाग को इसका विवरण भी नहीं दिया था। इस समूह के पास से अब तक 525 करोड रुपये के लेन देन के दस्तावेज मिले ये। इनमें से बहुत से लेन देन कर्मचारियों और मजदूरों के बैंक खातों के जरिए किया गया है।
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