लंदन, तीन अगस्त खुफिया अधिकारियों की साइबर हैकर द्वारा मतपत्रों को बदलने की चेतावनी के बाद ब्रिटेन में सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी ने बुधवार को कहा कि उसने पार्टी के नए नेता और प्रधानमंत्री चुनने के लिए सदस्यों द्वारा किए जाने वाले मतदान की प्रक्रिया में बदलाव किया है।
कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री के पद के लिए पूर्व चांसलर एवं भारतीय मूल के ऋषि सुनक और विदेश मंत्री लिज ट्रस के बीच मुकाबला है।
शुरुआत में योजना थी कि मतदान प्रक्रिया के दौरान सदस्य को डाक या ऑनलाइन माध्यम से मतदान की इजाजत होगी और उनका अगर मन बदलता है तो वे वैकल्पिक तरीके से पुराने मत को रद्द करने का विकल्प चुन सकेंगे।
लेकिन नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर (एनसीएससी) की सलाह के बाद पार्टी मुख्यालय ने प्रक्रिया में बदलाव करने का फैसला किया जिससे प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो सकती है।
कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों को डाक मतपत्र ई-मेल के जरिये भेजने की प्रक्रिया सोमवार को शुरू होने वाली थी, लेकिन अब इसके कुछ दिन बाद शुरू होने की उम्मीद है जबकि मतपत्रों को वापस भेजने की अंतिम तारीख 11 अगस्त (अगले हफ्ते के बृहस्पतिवार) तय की गई है।
कंजर्वेटिव पार्टी के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘हमने एनसीएससी से इस प्रक्रिया के बारे में परामर्श किया और मतपत्र प्रक्रिया की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया। अर्हता प्राप्त सदस्यों को इस हफ्ते से मतपत्र मिलने लगेंगे।’’
इस बदलाव की सबसे पहले खबर देने वाले अखबार ‘द डेली टेलीग्राफ’ के मुताबिक मुताबिक नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर (एनसीएससी) ने कंजर्वेटिव पार्टी को सलाह दी है कि वह सदस्यों को बाद में अपने मत को बदलने का विकल्प देने पर फिर से विचार करे। एनसीएससी ब्रिटेन के गवर्नमेंट कम्युनिकेशन हेडक्वार्टर (जीसीएचक्यू) का हिस्सा है जो ब्रिटेन को सुरक्षित रखने के लिए सलाह और समर्थन देता है।
एनसीएससी के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘ब्रिटिश राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा प्राधिकरण से जैसा कि आप उम्मीद करते हैं, हमने कंजर्वेटिव पार्टी को सलाह दी है कि वह नेतृत्व के लिए ऑनलाइन मतदान पर फिर से विचार करे।’’
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ब्रिटेन की लोकतांत्रिक और चुनाव प्रक्रिया की रक्षा करना एनसीएससी की प्राथमिकता है और हम सभी राजनीतिक पार्टियों, स्थानीय अधिकारियों और सांसदों के साथ साइबर सुरक्षा मार्गदर्शन व समर्थन प्रदान करने के लिए उनके साथ काम कर रहे हैं।’’
कंजर्वेटिव पार्टी हैकिंग चिंताओं के मद्देनजर सदस्यों को अपने मत में बदलाव करने का विकल्प देने की योजना को छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है।
हैकिंग चेतावनी के बाद किए गए बदलाव के मुताबिक पार्टी ने अलगे नेता के चुनाव में सदस्यों को बाद में मत बदलने का विकल्प देने का प्रावधान हटा दिया है।
कंजर्वेटिव पार्टी के करीब 1.80 लाख सदस्य ई-मेल से मतदान के लिए अर्हता रखते हैं।
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