बीकानेर, नौ अप्रैल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ध्रुवीकरण करके चुनाव जीत रही है और जनता को इनके मंसूबों को गंभीरता से लेना चाहिए।
गहलोत ने कहा कि देश में तनाव व हिंसा का माहौल है और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने राज्य के करौली शहर में हिंसा व आगजनी को लेकर भी भाजपा नेताओं पर निशाना साधा।
दो दिवसीय कार्यक्रम पर यहां पहुंचे गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज भी चुनौती बहुत बड़ी है हमारे सामने। आज देश में तनाव का माहौल है, हिंसा का माहौल है और इस माहौल में देश चल रहा है, संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह मैं बार-बार बोलता हूं और लोकतंत्र खतरे में है।’’
देश में बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘महंगाई की भारी मार है तथा बेरोजगारी से युवाओं में हाहाकार है। ये भाजपा वाले जानते हैं कि महंगाई व बेरोजगारी के बावजूद ... हम ध्रुवीकरण करके चुनाव जीत सकते हैं। इनको यह भ्रम हो गया है। मैं युवाओं व लोगों से इनके मंसूबों को गंभीरता से लेने की अपील करूंगा।’’
उन्होंने कहा कि नीति या उपलब्धि की बात न करके केवल ध्रुवीकरण से चुनाव जीते जा रहे हैं। गहलोत ने कहा, ‘‘जनता समझ जाएगी इनकी कथनी व करनी में अंतर है। ये खाली ध्रुवीकरण करके चुनाव जीतते हैं, कब तक जीतेंगे। लोग समझ रहे हैं।’’
राज्य सरकार के इस साल के बजट का राज्य भर में हो रहे स्वागत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘... इससे घबराकर भाजपा ने तय किया है कि राजस्थान में आग कैसे लगाओ। आग की शुरुआत कर दी है करौली में। बकायादा नेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि आप कुछ करो वहां पर वरना हमारी सरकार नहीं बनेगी। यह कहां का लोकतंत्र है?’’
उल्लेखनीय है कि करौली में कुछ उपद्रवियों ने 2 अप्रैल को नव संवत्सर रैली पर पथराव किया था। उसके बाद सांप्रदायिक झड़प में कई वाहनों और दुकानों को आग लगा दी गई थी।
गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को देश के नाम संबोधन करके हिंसक घटनाओं की आलोचना करनी चाहिए और ‘‘इस तरह के लोगों की निंदा करते हुए कहें कि जो व्यक्ति हिंसा करता है उसे सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।’’
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने को लेकर उठे ताजा विवाद में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर कटाक्ष करते हुए गहलोत ने कहा कि उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य सोशल मीडिया पर साझा किए हैं जिसमें वे स्पष्ट रूप से इस परियोजना का जिक्र कर रहे हैं। गहलोत ने कहा, ‘‘इसके बाद शेखावत राजनीति छोड़ते हैं या नहीं, यह मैं उन पर छोड़ता हूं। हम क्या मांग करेंगे।’’
उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने को लेकर शुक्रवार को शेखावत व राज्य के जलदाय मंत्री महेश जोशी आमने सामने आ गए। यहां एक कार्यक्रम में जब जोशी ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की प्रधानमंत्री मोदी के वादे की याद दिलाई तो शेखावत ने उन्हें टोकते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कभी भी परियोजना को दर्जा देने का वादा नहीं किया।
शेखावत ने यहां तक कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री ने अजमेर की तत्कालीन जनसभा में एक भी शब्द बोला हो तो या तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या आप और आपके मुख्यमंत्री छोड़ दें।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने पता नहीं क्या देखकर इन्हें चुना और इनके पास जल संसाधन जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय भी है तो उन्हें तो आगे आकर पानी की योजनाओं को लेकर राजस्थान की विशेष मदद करनी चाहिए। लेकिन वह ऐसा कर नहीं रहे।’’
इसके साथ ही गहलोत ने एक बार फिर पार्टी के युवा नेताओं के कठिन परिश्रम किये जाने पर जोर दिया। गहलोत ने कहा कि जो नेता परिश्रम करने के बाद मंत्री बनता है तो वह संगठन का आदमी होता है और संगठन के लोगों का मान सम्मान करता है और कार्यकर्ताओं के दिल में उसके प्रति सम्मान होता है। उन्होंने कहा कि जबकि किसी और वजह से मंत्री बनने वाले नेता का कार्यकर्ताओं के साथ तारतम्य नहीं बैठता।
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