लखनऊ, एक नवंबर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सपा और राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवारों की जीत का दावा करते हुए सत्तारुढ़ भाजपा पर हार के अंदेशे में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर मतदाताओं को भयभीत करने का आरोप लगाया है।
रविवार को सपा की ओर से जारी बयान में यादव ने कहा, ‘‘भाजपा की लोकतंत्र, लोकलाज और लोकमर्यादा के प्रति कभी आस्था नहीं रही है। वह तो सत्ता पाने के लिए कुछ भी गलत करने में परहेज नहीं करती है।’’
सपा प्रमुख ने उपचुनावों में मतदान की स्वतंत्रता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में केन्द्रीय सुरक्षा बल लगाने की मांग की है। उन्होंने अपेक्षा की है कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में कड़ाई बरतनी चाहिए।
यादव ने मतदाताओं से अनुरोध किया है, ''इन उपचुनावों को पूरी गंभीरता से लें। आज लोकतंत्र की परीक्षा की घड़ी है। उपचुनावों के परिणामों से तय होगा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति किस रास्ते पर जाएगी। मतदाताओं के लिए विकास और विनाश के बीच चुनाव है। एक ओर सौहार्द, सर्वतोमुखी विकास और सभी के सम्मान की सुरक्षा और गारंटी है तो दूसरी ओर विद्वेष और बदले की राजनीति है।''
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने बयान में आरोप लगाया, ''उप चुनावों को प्रभावित करने के लिए भाजपा सरकार के मंत्रीगण संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में डेरा डाले हुए हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री तो शिक्षकों से सीधे ही भाजपा के पक्ष में मत डलवाने को कह रहे है। प्रधानों, कोटेदारों, लेखपालों और पुलिस कर्मियों को धमकी और प्रलोभन देकर भाजपा सरकार मनमानी करने पर उतारू है।''
उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति, नीयत, चाल और चरित्र से जनता भलीभांति परिचित हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा राज में बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी है। हर तरफ लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला हैं। नफरत की भाजपाई राजनीति ने समाज को बांटने और सामाजिक न्याय की ताक़तों को कमजोर करने की कोशिश की है।’’
छह सीटों पर समाजवादी पार्टी और एक सीट पर राष्ट्रीय लोकदल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)