धारावी परियोजना के नियमों में छूट देकर अडाणी समूह को फायदा पहुंचा रही भाजपा: कांग्रेस
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नयी दिल्ली, 17 नवंबर : कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार मुंबई में धारावी पुनर्विकास परियोजना के नियमों में ढील देकर अडाणी समूह को फायदा पहुंचा रही है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि खबरों के अनुसार मूल रूप से नियमों में ढील देने के बारे में अपनी आपत्तियां व्यक्त करने वाले महाराष्ट्र शहरी विकास विभाग धारावी के रियल एस्टेट हस्तांतरण विकास अधिकार(टीडीआर) में ‘इंडेक्सेशन’ के प्रावधान को हटाने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए मजबूर किया गया, जिसके चलते मुंबई के सभी बिल्डरों के लिए अपने टीडीआर का पहला 40 प्रतिशत हिस्सा अडाणी से खरीदना अनिवार्य हो गया है. उन्होंने आरोप लगाया, “इससे धारावी परियोजना से अडाणी और सिर्फ अडाणी को मिलने वाले टीडीआर के मूल्य में काफी वृद्धि हुई है.” हालांकि, अडाणी समूह की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

कांग्रेस नेता ने एक बयान में कहा कि पार्टी ने अपनी “हम अडाणी के हैं कौन (एचएएचके) श्रृंखला” में इस साल 27 फरवरी और 23 अप्रैल को इस मामले पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा, “हमने प्रधानमंत्री से पूछा कि अडाणी समूह को 2022 में धारावी पुनर्विकास परियोजना को केवल 5,069 करोड़ रुपये की बोली के साथ हासिल करने की अनुमति कैसे दी गई, जो 2018 में मूल विजेता बोली से 2,131 करोड़ रुपये कम थी. मूल विजेता बोली लगाने वाले को बाहर करके ऐसा किया गया.” रमेश ने कहा कि टीडीआर एक हस्तांतरणीय क्रेडिट है जो बिल्डरों को पर्यावरण, ऐतिहासिक या सांस्कृतिक महत्व या इसी तरह के कारणों से संवेदनशील क्षेत्रों में निर्माण के अपने अधिकारों को छोड़ने के लिए सहमत होने की अनुमति देता है. ऐसा करने पर उन्हें अन्य अनुमोदित क्षेत्रों में अतिरिक्त निर्माण अधिकारों के साथ मुआवजा दिया जाता है. यह भी पढ़ें : कर्नाटक के हासन में प्रेमिका की गला रेतकर हत्या करने का आरोपी गिरफ्तार

हालांकि, उन्होंने कहा कि ‘इंडेक्सेशन’ हटाने के फैसले का मतलब है कि धारावी जैसे कम लागत वाले क्षेत्रों में उत्पन्न टीडीआर का उपयोग बांद्रा, दक्षिण मुंबई और जुहू जैसे प्रीमियम स्थानों में महंगी अचल संपत्ति विकसित करने के लिए किया जा सकता है. उन्होंने दावा किया, "इन नीतिगत बदलावों से मुंबई के पहले से ही महंगे आवास बाजार में कीमतें और बढ़ने की उम्मीद है." उन्होंने आरोप लगाया, " अडाणी को लाभ पहुंचाने के मकसद से किया गया यह नीतिगत बदलाव प्रधानमंत्री के सबसे पसंदीदा कारोबारी समूह को दी गई एक और 'रेवड़ी' (मुफ्त उपहार) है."