पुणे, सात मार्च राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह एक ‘‘वॉशिंग मशीन’’ बन गई है, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लोग ‘‘अपने दाग मिटाने’’ के लिए शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने झारखंड में हेमंत सोरेन और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल समेत गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाने के लिए केंद्र की आलोचना की।
पवार ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आलोचना समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा।
पुणे जिले के लोनावाला में राकांपा (शरद) के कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पवार ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए अविभाजित राकांपा की आलोचना करते थे। संसद में सभी को एक पुस्तिका दी गई थी जिसमें बताया गया था कि जब भाजपा सत्ता में नहीं थी तो क्या-क्या गड़बड़ियां हुईं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उस पुस्तिका में आदर्श घोटाले और उसमें अशोक चव्हाण की कथित संलिप्तता का उल्लेख किया गया है। लेकिन उसके सातवें दिन, चव्हाण भाजपा में शामिल हो गए और उसके राज्यसभा सदस्य बन गए... एक तरफ आप (भाजपा) आरोप लगाते हैं, दूसरी तरफ आप उसी व्यक्ति को पार्टी में शामिल कर लेते हैं।’’
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रांकापा में ‘भ्रष्ट’ लोगों की चर्चा की थी।
पवार ने उप-मुख्यमंत्री अजित पवार का नाम लिए बिना कहा, ‘‘उन्होंने महाराष्ट्र में 70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले का जिक्र किया। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में गड़बड़ियों का जिक्र किया। मैंने तब कहा था कि राकांपा का कोई भी व्यक्ति बैंक में किसी भी अनियमितता में शामिल नहीं है और उन्हें उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश को नियुक्त करके जांच कराने की चुनौती दी थी। देखिए वो व्यक्ति आज कहां हैं जिन पर इस घोटाले में आरोप लगे थे।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ यह दर्शाता है कि भाजपा एक वॉशिंग मशीन बन गई है, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लोग भी शामिल हो सकते हैं और अपने दाग मिटा सकते हैं।’’
शरद पवार के खिलाफ विद्रोह कर अजित पवार पिछले साल जुलाई में कई अन्य राकांपा नेताओं के साथ एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे। इससे 1999 में शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी दो धड़ों में बंट गई।
निर्वाचन आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम राकांपा और उसका चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ जारी कर दिया।
पवार ने आगे कहा, ‘‘ हमने राकांपा का गठन किया और हम महात्मा गांधी तथा जवाहरलाल नेहरू की विचारधाराओं के प्रति दृढ़ रहे। आज, सत्ता में रहने वाले लोग महात्मा गांधी की बहुत प्रशंसा करते हैं, लेकिन नेहरू को बदनाम करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि जिस तरह देश की आजादी के लिए लड़ने और बलिदान देने वालों ने महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व को स्वीकार किया, उसी तरह उन्होंने नेहरू के नेतृत्व तथा उनके योगदान को भी स्वीकार किया।
पवार ने कहा, ‘‘ हालांकि, प्रधानमंत्री आज सबसे ज्यादा नेहरू और उनकी विचारधारा की आलोचना करते हैं। अगर आप अखबार देखेंगे तो आपको ‘मोदी की गारंटी’ पर पूरे पेज के विज्ञापन दिख जाएंगे। अगर कोई इस पर विचार करे कि इन विज्ञापनों को प्रकाशित करने के लिए किसका पैसा इस्तेमाल किया जा रहा है, तो जवाब है कि यह लोगों का पैसा है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन पिछले एक दशक में किसानों की आत्महत्या की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ पश्चिम बंगाल में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 25 वर्षों तक सांसद, पांच वर्ष तक केंद्रीय मंत्री और 10 वर्ष से राज्य की मुख्यमंत्री रहने वाली ममता बनर्जी की आलोचना की। आज लोग बार-बार उन्हें वोट और राज्य की बागडोर देते हैं। प्रधानमंत्री को उन पर गर्व होना चाहिए, लेकिन इसके बजाय वह उनकी आलोचना करते हैं। यह संसदीय लोकतंत्र के ढांचे में फिट नहीं बैठता।’’
इस दौरान, आरोप है कि पुणे के मावल विधानसभा क्षेत्र से राकांपा विधायक सुनील शेल्के ने पार्टी के कुछ नेताओं को धमकी दी और उनसे शरद पवार नीत पार्टी के सम्मेलन में नहीं जाने को कहा।
इसका जिक्र करते हुए पवार ने कहा, ‘‘ मैं विधायक से पूछना चाहता हूं कि आप किसके प्रयासों से विधायक बने? 2019 में रैलियों को किसने संबोधित किया और तब पार्टी के अध्यक्ष कौन थे? चुनाव के लिए नामांकन भरते समय फॉर्म पर मैंने हस्ताक्षर किए थे और आज आप उन लोगों को धमकी दे रहे हैं जिन्होंने आपकी जीत के लिए काम किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर वह मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं को धमकी देंगे तो उन्हें शरद पवार का सामना करना होगा।’’
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