गुवाहाटी, 24 नवंबर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने बिना किसी तुष्टिकरण की नीति के हमेशा अल्पसंख्यक मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित किया है।
उन्होंने कहा कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में करीमगंज में भाजपा की जीत और सामागुड़ी विधानसभा सीट पर हालिया उपचुनाव सभी के साथ समान व्यवहार करने के इसके सिद्धांत की सफलता को प्रदर्शित करता है।
शर्मा ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 2026 के विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक बहुल निर्वाचन क्षेत्रों के लिए भाजपा ने अपनी रूपरेखा तय कर ली है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्यान हमेशा अल्पसंख्यक मतदाताओं पर रहा है, लेकिन इसके पीछे का सिद्धांत 'किसी के तुष्टीकरण का नहीं, सभी को न्याय' का रहा है। यह हमारे सबका साथ, सबका विकास ध्येय वाक्य में भी प्रतिबिंबित हुआ है।’’
शर्मा ने दावा किया कि इस गैर-तुष्टीकरण नीति के परिणामस्वरूप, भाजपा ने करीमगंज लोकसभा सीट और अब सामागुड़ी विधानसभा सीट जीती है, दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में लगभग 65 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं।
शर्मा ने यह भी दावा किया कि बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाली एआईयूडीएफ के इस बार सामागुड़ी में चुनाव नहीं लड़ने के फैसले ने भाजपा को फायदा पहुंचाया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर एआईयूडीएफ ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया होता तो हमारे वोट उन्हें चले गए होते। एआईयूडीएफ के चुनाव मैदान में नहीं होने से हमें फायदा मिला।’’
मुख्यमंत्री ने उपचुनाव में सभी पांच विधानसभा सीट पर भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन की जीत को ‘‘अभूतपूर्व सफलता’’ करार दिया।
सामागुड़ी के अलावा उपचुनाव बेहाली, ढोलई, बोंगईगांव और सिदली विधानसभा सीट पर हुए।
सामागुड़ी में जीत का जिक्र करते हुए शर्मा ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए कठिन सीट थी क्योंकि वहां की जनसांख्यिकी उन लोगों से अलग है जो अब तक भाजपा को वोट देते रहे हैं। लेकिन समान विकास की हमारी नीति काम कर गई।’’
वर्ष 2016 में सामागुड़ी में चुनाव प्रचार के दौरान उन पर हुए हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह न्याय मिलने जैसा लगता है कि जिस पंचायत में हम पर हमला हुआ था, वहां इस बार हमें 49.5 फीसदी वोट मिले।’’
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