लखनऊ, 26 जून समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में षड्यंत्र से जीत हासिल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस पार्टी ने सत्ता की लालच में सभी लोकतांत्रिक मान्यताओं को ध्वस्त कर दिया।
यादव ने यहां एक बयान में कहा कि आजमगढ़ और रामपुर संसदीय उपचुनाव में भाजपा सरकार ने सत्ता का खुलकर दुरुपयोग किया और छलबल से जनमत को प्रभावित करने का षडयंत्र किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सत्ता लोलुपता ने प्रदेश में सभी लोकतांत्रिक मान्यताओं को ध्वस्त कर दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया, "भाजपा ने अपने पक्ष में जबरन मतदान के लिए सभी अलोकतांत्रिक एवं निम्नस्तर के हथकंडे अपनाए। मतदाताओं को वोट डालने से रोका गया। उन्हें डराया धमकाया गया। पुलिस ने तमाम कार्यकर्ताओं को थानों में जबरन अवैध तरीके से बैठा लिया। पोलिंग एजेंटों को मतदान केन्द्रों से बाहर कर दिया गया।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा, "रामपुर में जहां मुस्लिम क्षेत्र में 900 वोट थे, वहां छह वोट पड़े और जहां 500 वोट थे वहां कुल एक वोट पड़ा। यह लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का मजाक नहीं तो क्या है? भाजपा की ये जीत बेईमानी, छल, सत्ताबल, लोकतंत्र और संविधान की अवहेलना, जोर जबर्दस्ती, प्रशासनिक सरकारी मशीनरी की दमनकारी तथा चुनाव आयोग की धृतराष्ट्र दृष्टि तथा भाजपाई कौरवी सेना की जनमत अपहरण का नतीजा है। इसे आप चुनाव कैसे कह सकते हैं?"
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस जीत का दावा कर रहे हैं, उस तथाकथित जीत से जनता हतप्रभ है। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा के इस अहंकार को तोड़कर रख देगी।
इससे पहले अखिलेश ने एक ट्वीट में कहा,
"भाजपा के राज में लोकतंत्र की हत्या की क्रॉनॉलॉजी:
-नामांकन के समय चीरहरण
-नामांकन निरस्त कराने का षड्यंत्र
-प्रत्याशियों का दमन
-मतदान से रोकने के लिए दल-बल का दुरुपयोग
-काउंटिंग में गड़बड़ी
-जन प्रतिनिधियों पर दबाव
-चुनी सरकारों को तोड़ना
ये है आज़ादी के अमृतकाल का कड़वा सच!"
गौरतलब है कि आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में रविवार को भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल करके ये दोनों सीटें सपा से छीन लीं। आजमगढ़ सीट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के कारण रिक्त हुई थी। वहीं, रामपुर सीट भी इसी कारण से आजम खां के त्यागपत्र देने की वजह से खाली हुई थी।
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