देश की खबरें | भाजपा ने कांग्रेस पर आंबेडकर के नाम पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया

देहरादून, 24 दिसंबर भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड इकाई ने मंगलवार को कांग्रेस पर बाबा साहेब आंबेडकर के नाम पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया ।

संसद में आंबेडकर को लेकर की गयी टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री की आलोचना करने वाले कांग्रेस नेताओं पर पलटवार करते हुए भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य महेंद्र भट्ट ने दावा किया कि जो अपनी सरकारों में दलितों एवं पिछड़ों का आरक्षण मुसलमानों को देते हैं, वही अब बाबा साहेब के नाम पर झूठ फैला रहे हैं।

भट्ट ने यह भी दावा किया, “यह वही पार्टी है जो अपने अल्पसंख्यक वोट बैंक को लाभ देने के लिए ही आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से अधिक करना चाहती है।”

उन्होंने स्थानीय कांग्रेस नेताओं को भी यह स्पष्ट करने की चुनौती दी कि क्या वे इसके पक्षधर हैं?

कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य गुरदीप सिंह सप्पल ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में शाह पर संसद में संविधान निर्माता के प्रति असम्मान प्रदर्शित करने का आरोप लगाते हुए उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से निकाले जाने की मांग की थी ।

कांग्रेस को 'झूठ बोलने वाली मशीन' करार देते हुए भट्ट ने आरोप लगाया कि नेहरू परिवार ने हमेशा आंबेडकर का अपमान किया ।

उन्होंने दावा किया, “सभी जानते हैं कि नेहरू जी ने आंबेडकर के संविधान निर्माण की प्रारूप समिति में होने का विरोध किया, उनके विरोध में चुनाव प्रचार किया, दो बार उन्हें हरवाया और उनकी हार पर सार्वजनिक खुशी प्रकट की, उनके अंतिम संस्कार तक के लिए दिल्ली में जमीन नहीं दी, उन्हें कभी भारत रत्न के लायक नहीं माना और उनके जीवन से जुड़े स्थलों को नजरअंदाज कर उनकी पहचान मिटाने का पाप किया।”

भट्ट ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब द्वारा पिछड़ों और वंचितों को दिए गए आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को कभी नहीं स्वीकारा।

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकारों ने पहले काका कालेलकर और फिर मंडल आयोग की रिपोर्ट को दबाए रखा।

भाजपा नेता ने कहा कि बाबा साहेब हमेशा अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के विरोधी रहे और इसका खामियाजा उन्हें जीते जी कांग्रेस से भुगतना पड़ा।

भट्ट ने आरोप लगाया, ‘आज भी इंडी (इंडिया) गठबंधन शासित राज्यों में पिछड़ों का अधिकार मुसलमान समुदाय को दिया गया है। कांग्रेस पिछले तीन दशक में पांच बार मुसलमानों को आरक्षण देने का असफल प्रयास कर चुकी है। कांग्रेस और उनके सहयोगी दल आरक्षण की अधिकतम तय सीमा को 50 फीसदी से आगे बढ़ाने के वादे करते है, लेकिन उसके पीछे का मकसद, सिर्फ और सिर्फ धर्म के आधार पर मुसलमान समाज को आरक्षण देना है।”

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