पटना, चार जुलाई बिहार सरकार ने विदेशी मेडिकल स्नातकों (एफएमजी) को बड़ी राहत देते हुए मंगलवार को घोषणा की कि राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज या अस्पताल विदेश से उनसे इंटर्नशिप करने का कोई शुल्क नहीं लेंगे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल ने विदेशी आयुुर्विज्ञान स्नातकों (एफएमजी) को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, नई दिल्ली के दिशानिर्देशों के आलोक में राज्य चिकित्सा परिषद में निबंधन के क्रम में इन्टर्नशिप के लिए राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों एवं अस्पतालों में इन्टर्नशिप की सुविधा देने की स्वीकृति दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके अलावा उन्हें भारतीय मेडिकल स्नातकों के बराबर वजीफा और अन्य सुविधाएं देने का भी फैसला किया है।
सिद्धार्थ ने कहा कि इंटर्नशिप में अधिकतम एफएमजी कोटा संस्थान की कुल स्वीकृत सीट का 7.5 प्रतिशत होगा।
अधिकांश एफएमजी वे हैं जो कोविड .19 के प्रकोप और यूक्रेन युद्ध के बाद अधूरी इंटर्नशिप के साथ भारत लौट आए थे।
इसके अलावा कैबिनेट ने राज्य में चिटफंड कंपनियों को विनियमित करने के लिए एक नीति को भी मंजूरी दी।
सिद्धार्थ ने कहा कि राज्य में अवैध रूप से संचालित होने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल द्वारा इस संबंध में एक नीति को मंजूरी देने के साथ सरकार अब उन चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों को जब्त कर सकती है जो अवैध रूप से काम करती हैं ।
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