नयी दिल्ली, 25 सितंबर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां और उम्मीदवार अपने प्रचार अभियान के तहत रैलियां कर सकते हैं तथा जिन मैदानों में ऐसी सभाएं आयोजित की जाएंगी, वहां सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए सफेद घेरे बनाने होंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बिहार चुनाव की तारीखें घोषित करने के लिए शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह इस संदेह को दूर करना चाहते हैं कि राज्य में केवल डिजिटल प्रचार होगा।
यह भी पढ़े | Bihar Assembly Election 2020: चिराग पासवान बोले-बिहार चुनाव राज्य में बेहतरी की नई कहानी लिखेंगे.
अरोड़ा ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी पहले ही उन स्थानों की पहचान कर चुके हैं जहां सभाएं हो सकती हैं। सामाजिक दूरी मानदंड सुनिश्चित करने के लिए चिह्न लगाने की कवायद जारी है।
चुनाव आयोग के एक बयान के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारियों और जिला पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपस्थित लोगों की संख्या सार्वजनिक सभाओं के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक नहीं हो।
यह भी पढ़े | Bihar Assembly Election 2020: बिहार में कैसे होंगी चुनावी रैलियां और कितनी जुटेगी भीड़? आयोग ने दिया जवाब.
आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों और संबंधित उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी चुनाव गतिविधियों के दौरान मास्क, सेनिटाइटर और थर्मल स्कैनिंग जैसी सभी कोविड संबंधी औपचारितकताएं पूरी हों।
चुनाव आयोग ने चेतावनी दी कि नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून और भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
वायरस के प्रसार पर काबू के लिए जारी प्रतिबंधों के तहत चुनाव आयोग ने घर-घर जाकर प्रचार करने के अभियान के लिए लोगों की संख्या कम कर दी है।
घर-घर प्रचार अभियान में उम्मीदवार सहित पांच लोगों का समूह भाग ले सकेगा और इसमें सुरक्षा कर्मियों को शामिल नहीं किया गया है।
चुनाव आयोग ने नामांकन के समय उम्मीदवार के साथ आने वाले लोगों और वाहनों की संख्या को लेकर भी संशोधन किया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)