नयी दिल्ली, 10 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी पी. वरवर राव को चिकित्सकीय आधार पर बुधवार को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कवि एवं कार्यकर्ता राव (82) को जमानत देते हुए कहा कि वह किसी भी तरह से इसका दुरुपयोग ना करें।
राव ने चिकित्सकीय आधार पर स्थायी जमानत संबंधी उनकी अपील को बंबई उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
राव (83) अभी चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत पर हैं।
गौरतलब है कि यह मामला 31 दिसंबर 2017 में पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से जुड़ा है। पुणे पुलिस का दावा है कि इस भाषण की वजह से अगले दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा फैली और इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले लोगों के माओवादियों से संबंध हैं।
मामले की जांच बाद में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गई थी।
राव को 28 अगस्त 2018 को हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। पुणे पुलिस ने आठ जनवरी 2018 को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं तथा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
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