नयी दिल्ली, 24 दिसंबर कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा रक्षा बलों के कर्मियों एवं परिवार पेंशनधारकों के लिए ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने का शनिवार को स्वागत किया।
पार्टी ने कहा कि यह फैसला 'भारत जोड़ो यात्रा' का असर है, क्योंकि इस निर्णय से दो दिन पहले ही कई पूर्व सैनिकों ने ओआरओपी के मुद्दे पर राहुल गांधी से मुलाकात की थी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि उस ओआरओपी योजना को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है, जिसकी घोषणा संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार ने की थी।
रमेश ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, “कल रात केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें फैसला लिया गया कि पूर्व सैन्यकार्मियों का बकाया दिया जाएगा। कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर ओआरओपी के विषय पर मार्च 2023 तक का समय मांग था।”
उन्होंने कहा, “कई पूर्व सैनिकों ने 21 दिसंबर को राहुल जी से मेवात में मुलाकात कर यह बात कही थी कि उन्हें बकाया नहीं मिला है। उनका यह भी कहना था कि कनिष्ठ अधिकारियों को फायदा नहीं मिला है। हमने इस मुलाकात का प्रचार किया था।”
रमेश ने कहा, “मुझे खुशी है कि दो दिन बाद कैबिनेट ने फैसला कर लिया है। यह ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का असर है।”
उन्होंने यह भी कहा, “हम इस फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन उस ओआरओपी योजना को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है, जिसकी घोषणा संप्रग सरकार ने की थी।”
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रक्षा बलों के कर्मियों एवं परिवार पेंशनधारकों के लिए ओआरओपी के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी थी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया था कि इसका लाभ परिवार पेंशनधारकों के साथ युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं एवं दिव्यांग पेंशनधारकों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा था कि फैसला एक जुलाई 2019 से प्रभावी होगा।
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