देश की खबरें | बंगाल : राज्य निर्वाचन आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प

कोलकाता, दस फरवरी कोलकाता में बृहस्पतिवार को राज्य निर्वाचन आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे भाजपा के कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प हो गई।

बंगाल भाजपा का आरोप है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं किया और आगामी नगर निकाय चुनावों के लिए नामांकन पत्र भरने और प्रचार करने के दौरान विपक्षी कार्यकर्ताओं पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कथित हमलों को लेकर आंखें मूंदे रखीं।

अधिकारियों ने बताया कि दोपहर से जारी प्रदर्शन के दौरान भाजपा की युवा इकाई भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रनील खान, पार्टी के दक्षिण कोलकाता जिला अध्यक्ष संघमित्रा चौधरी और कल्याण चौबे व प्रियंका टिबरेवाल सहित अन्य नेताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था।

तीन बार प्रदर्शन की कोशिश करने वाले भाजपा कार्यकर्ता जैसे ही वहां इकट्ठा हुए और नारेबाजी शुरू की, पुलिस ने उन्हें वैन में भरकर वहां से हटा दिया।

पुलिस वैन में ले जाते समय खान ने कहा, ‘पुलिस हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को कुचलने के लिए हमें वैन में भरकर वहां से हटाने में कोई समय नहीं गंवा रही है, लेकिन जब तृणमूल कांग्रेस द्वारा हमारे उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने से रोका जाता है या जब हमारे प्रचार में बाधा डाली जाती है, तब वह कोई कार्रवाई नहीं करती है।’

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को इसलिए हिरासत में लिया गया, क्योंकि उन्होंने सुरक्षा घेरा तोड़कर राज्य निर्वाचन आयोग के दफ्तर में घुसने की धमकी दी थी।

पश्चिम बंगाल की 108 नगर पालिकाओं में 27 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन बुधवार को आरोप लगे कि दिनहाटा नगर पालिका में भाजपा उम्मीदवारों को पर्चा भरने से रोका गया, जबकि सैंथिया और बजबज नगर पालिकाओं में तृणमूल प्रत्याशियों को निर्विरोध विजेता घोषित किया गया।

भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस का आतंक है, जबकि सत्तारूढ़ दल ने सवाल किया क्या संबंधित क्षेत्रों में विपक्ष का कोई आधार है।

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा ऐसे प्रदर्शनों को अंजाम देकर नाटक कर रही है, क्योंकि सभी नगर निकायों में उसकी हार तय है।

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