नयी दिल्ली, 12 अगस्त वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में बासमती चावल का निर्यात 25.54 प्रतिशत बढ़कर 1.15 अरब डॉलर (करीब 9,160 करोड़ रुपये) का हो गया।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने जलवायु आधारित उपज मॉडल का उपयोग करते हुए खरीफ सत्र 2022-23 के दौरान खेती के रकबे का अनुमान लगाने, फसल के स्वास्थ्य तथा सुगंधित एवं लंबे अनाज वाले चावल की अपेक्षित उपज का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया है।
इसने कहा कि कोविड -19 प्रतिबंधों के कारण दो साल के अंतराल के बाद सर्वेक्षण किया जा रहा है।
बासमती चावल एक पंजीकृत भौगोलिक संकेतक (जीआई) वाला कृषि उत्पाद है।
सर्वे मॉडल के अनुसार सात बासमती उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में (30 जिले) और जम्मू-कश्मीर (3 जिलों) में जिला स्तर पर चयनित किसानों के ‘सैंपल ग्रुप’ के आधार पर खेत आधारित और उपग्रहीय चित्रों के माध्यम से सर्वे किया जा रहा है।
इसमें कहा गया है कि सटीकता के स्तर का पता लगाने के लिए जीपीएस प्वाइंट रिकॉर्ड किए जाने हैं और सर्वेक्षण में भाग लेने के समय प्रत्येक किसान की तस्वीरें ली जा रही हैं।
भारत ने पिछले तीन वर्षों में 12 अरब डॉलर के बासमती चावल का निर्यात किया है।
वर्ष 2021-22 में भारत से बासमती चावल के कुल निर्यात में सऊदी अरब, ईरान, इराक, यमन, यूएई, यूएस, यूके, कुवैत, कतर और ओमान की हिस्सेदारी करीब 80 प्रतिशत थी।
बासमती चावल भारत से निर्यात के लिए सबसे बड़े कृषि उत्पादों में से एक है।
वर्ष 2020-21 के दौरान, भारत ने 4.02 अरब डॉलर मूल्य के 46.3 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया।
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