मुंबई, 15 फरवरी मुंबई पुलिस ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने समाचार चैनलों की “समूची” टीआरपी प्रणाली में हेरफेर की और व्हाट्सऐप पर “एक मालिक सह समाचार एंकर” से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की।
विशेष लोक अभियोजक शिशिर हिरेय ने न्यायमूर्ति पीडी नाइक की अध्यक्षता वाली एकल न्यायधीश पीठ को बताया कि दासगुप्ता अन्य आरोपियों की मदद से टेलीविजन रेडिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) की हेरफेर में सीधे तौर पर संलिप्त थे।
उच्च न्यायालय में दासगुप्ता की जमानत याचिका का विरोध कर रहे हिरेय ने कहा कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के पास अन्य चीजों के साथ ही एक “टीवी चैनल के मालिक और एंकर” के साथ दासगुप्ता की व्हाट्सऐप चैट का ब्योरा भी है जिसमें उसने टीआरपी में हेरफेर की चर्चा की है।
हिरेय ने कहा कि दोनों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की है।
हिरेय ने कहा, “उन्होंने टीआरपी की पूरी व्यवस्था में हेरफेर करने की कोशिश की। राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित चैट भी हैं।”
दासगुप्ता और रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक और टीआरपी घोटाले के मामले में सह आरोपी अर्नब गोस्वामी के बीच 2019 के पुलवामा हमले के संदर्भ में हुई कथित चैट पुलिस द्वारा इस मामले में दायर आरोप-पत्र का हिस्सा भी है।
न्यायमूर्ति नाइक ने पूछा कि क्या पुलवामा हमले के संदर्भ में हुई व्हाट्सऐप चैट को लेकर क्या कोई मामला दर्ज किया गया, इस पर हिरेय ने जवाब दिया, नहीं।
दासगुप्ता के वकील अबद पोंडा ने उच्च न्यायालय को बताया कि व्हाट्सऐप चैट महज “हल्की-फुल्की बातें” थीं।
दासगुप्ता की जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय में मंगलवार को भी सुनवाई होगी।
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