नयी दिल्ली, चार अप्रैल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने कथित बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में धनशोधन रोधी कानून के तहत मध्य प्रदेश के समाचार प्रकाशन समूह और इसके प्रवर्तकों की दो करोड़ रुपये मूल्य से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं।
ईडी ने एक बयान में कहा कि मध्य प्रदेश में हिंदी दैनिक समाचार पत्र 'नवभारत' प्रकाशित करने वाली नवभारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रवर्तकों माहेश्वरी परिवार की सतना व सीहोर जिलों में स्थित दस अचल संपत्तियां कुर्क की गई हैं।
बयान में कहा गया है कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत 30 मार्च को एक आदेश जारी किया गया था और संपत्तियों का कुल मूल्य 2.36 करोड़ रुपये है।
धनशोधन का यह मामला कंपनी के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक आरोप पत्र से जुड़ा है।
ईडी ने कहा कि नव भारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड ने अपने निदेशक सुमित माहेश्वरी और अन्य के माध्यम से 2004 में प्रेस के आधुनिकीकरण और मशीनरी की खरीद के लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र (भोपाल में गौतम नगर शाखा) से विभिन्न ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया था।
ईडी ने आरोप लगाया कि हालांकि, मशीनरी की खरीद और अन्य पूंजीगत व्यय के लिए स्वीकृत ऋण राशि को विभिन्न कंपनियों के बैंक खातों के माध्यम से दूसरे खातों में भेजा गया, जो सुमीत माहेश्वरी के भाई संदीप माहेश्वरी द्वारा नियंत्रित एंबी समूह की कंपनियों के कर्मचारियों के नाम पर थे।
ईडी के अनुसार माहेश्वरी परिवार (नव भारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड के मालिक) ने ऋण राशि का इस्तेमाल विभिन्न कॉरपोरेट और व्यक्तिगत देनदारियों को निपटाने के लिए किया और साथ ही कर्ज का "गलत उपयोग" किया, जिससे बैंक ऑफ महाराष्ट्र के साथ 15.67 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई।
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