विदेश की खबरें | मंदिरों और घरों पर हमलों के बीच बांग्लादेशी हिंदुओं ने विरोध प्रदर्शन किया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

(अनीसुर रहमान)

ढाका, 10 अगस्त बांग्लादेश की राजधानी ढाका और उत्तर-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में शनिवार को लगातार दूसरे दिन अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के हजारों सदस्यों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया।

उन्होंने देश भर में मंदिरों, उनके घरों और व्यवसायों पर हमलों के बीच सुरक्षा की मांग की।

वे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरणों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीट, अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने आदि की मांग कर रहे थे।

हिंदू प्रदर्शनकारियों की रैली से मध्य ढाका के शाहबाग में तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात अवरुद्ध रहा।

छात्रों सहित हजारों मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने भी यहां उनके साथ मिलकर अल्पसंख्यकों के हित के लिए एकजुटता व्यक्त की।

बांग्लादेशी हिंदुओं को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और सोमवार को भारत भाग जाने के बाद हिंसा और लूटपाट का खामियाजा भुगतना पड़ा है।

कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है तथा बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेता हिंसा में मारे गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों को उजागर किया गया है।

‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार के अनुसार अल्पसंख्यकों के अधिकारों की वकालत करने वाले एक प्रमुख संगठन, बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद ने मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस को एक खुला पत्र जारी किया है, जिसमें पांच अगस्त को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से 52 जिलों में उत्पीड़न की 205 घटनाओं का विवरण दिया गया है।

शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने आठ सूत्री मांगपत्र प्रस्तुत किया। इसमें अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों पर मुकदमों में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरणों की स्थापना, पीड़ितों को मुआवजा तथा अल्पसंख्यक संरक्षण कानून को तत्काल लागू करना शामिल है।

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