देश की खबरें | बनभूलपुरा दंगे: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने आरोपी की जमानत याचिका अधीनस्थ अदालत को भेजी

नैनीताल, दो जनवरी उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को बनभूलपुरा दंगों के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक की जमानत याचिका को अधीनस्थ अदालत में स्थानांतरित कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश गुहानाथन नरेन्द्र और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अधीनस्थ अदालत को चार सप्ताह में मामले का निर्णय करने को कहा।

आरोपी की ओर से पेश हुए उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने तर्क दिया कि मामले की सुनवाई करने और जमानत देने का अधिकार उच्च न्यायालय को है।

उन्होंने दावा किया कि आठ फरवरी 2024 को जब दंगा हुआ तब मलिक दंगा प्रभावित क्षेत्र के आसपास मौजूद नहीं थे।

उत्तराखंड सरकार की ओर से विशेष वकील के रूप में उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बसंत ने तर्क दिया कि मलिक भले ही मौके पर मौजूद नहीं थे, लेकिन वह सह-षड्यंत्रकारी थे और घटनाक्रम को नियंत्रित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए उनके खिलाफ साजिशकर्ता के रूप में आरोप पत्र दाखिल किया गया है।

उन्होंने आगे तर्क दिया कि अधीनस्थ अदालत को क्योंकि मामले के हर विवरण पर विचार करना है, इसलिए उसके द्वारा जमानत आवेदन पर विचार करना उचित है, अन्यथा आरोपी पुनः उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है।

उच्च न्यायालय ने मामले को अधीनस्थ अदालत को सौंपने का फैसला किया और चार सप्ताह के भीतर मामले का फैसला करने को कहा।

उत्तराखंड विधानसभा द्वारा समान नागरिक संहिता लागू करने संबंधी विधेयक पारित किए जाने के ठीक एक दिन बाद 8 फरवरी, 2024 को हल्द्वानी के मुस्लिम बहुल बनभूलपुरा इलाके में सांप्रदायिक दंगा भड़क गया।

एक अवैध मदरसा और उसके परिसर में नमाज अदा करने के लिए बनाए गए एक छोटे से ढांचे को गिराए जाने को लेकर भड़के दंगे में छह लोगों की मौत हो गई और ड्यूटी पर तैनात लगभग 100 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)