प्रयागराज, 30 अप्रैल इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शादी के लिए एक लड़की का अपहरण कर गैर कानूनी तरीके से उसका धर्म परिवर्तन करने के आरोपी रजमानी और अमेरेन की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने अपने आवास पर इन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी ।
तथ्यों के मुताबिक, 17 नवंबर, 2020 को एटा के जलेसर पुलिस थाना में प्रवीण कुमार ने दर्ज प्राथमिकी में कहा था कि उसकी बेटी सुबह में बाजार गई थी जहां मोहम्मद जावेद ने अपने पांच रिश्तेदारों और दो अन्य लोगों के साथ मिलकर उसका अपहरण कर लिया और बाद में उसे दिल्ली ले जाया गया तथा गैर कानूनी तरीके से उसका धर्म परिवर्तन कर दिया गया।
याचिकाकर्ताओं- रजमानी और अमेरेन के मुताबिक, शुरुआत में उनका नाम प्राथिमकी में नहीं था, लेकिन लड़की के पिता और दादा ने पूछताछ के दौरान जांच अधिकारी को दिए अपने बयान में उनके नामों का खुलासा किया।
लड़की के रिश्तेदारों का आरोप है कि याचिकाकर्ताओं ने लड़की के दादा, पिता और भाई को मुकदमा वापस लेने के लिए धमकाया था ।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है और उनका इस अपराध से कोई संबंध नहीं है। पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में उनका नाम नहीं लिया था। यह भी दलील दी गई कि याचिकाकर्ताओं का मकान कथित अपराध स्थल से 70 किलोमीटर दूर है।
अदालत ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत लड़की के बयान पर भरोसा जताया जिसमें लड़की ने कहा है कि उसे जबरदस्ती कार में बिठाकर दिल्ली के कड़कड़डुमा अदालत ले जाया गया जहां कुछ वकीलों की उपस्थिति में उससे कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराए गए और ये कागज उर्दू में लिखे थे।
अदालत ने इस मामले में अपना फैसला 7 अप्रैल, 2021 को सुरक्षित रख लिया था जो शुक्रवार को सुनाया गया।
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