ठाणे (महाराष्ट्र), 24 सितंबर बदलापुर यौन शोषण मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के परिवार के सदस्यों ने पुलिस के इस दावे को चुनौती दी है कि पहले अक्षय ने एक पुलिसकर्मी पर गोली चलायी जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की जिससे उसकी मौत हो गयी।
शिंदे के परिजनों ने यह भी दावा किया कि पुलिस ने यौन शोषण मामले में जुर्म कबूलने के लिए उस पर दबाव बनाया था।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार रात को कहा कि शिंदे की मौत संबंधी घटनाक्रम की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
ठाणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिंदे का शव ठाणे में कलवा सिविक अस्पताल से पोस्टमार्टम के लिए मंगलवार की सुबह पड़ोसी मुंबई में सरकारी जेजे हॉस्पिटल ले जाया गया है।
उन्होंने बताया कि जे जे हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
शिंदे (24) पर ठाणे जिले के बदलापुर शहर में एक स्कूल में दो बच्चियों का यौन शोषण करने का आरोप था।
बदलापुर के स्कूल में अनुबंधित सफाईकर्मी शिंदे को स्कूल के शौचालय में दो लड़कियों का कथित तौर पर यौन शोषण करने के पांच दिन बाद 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।
एक अधिकारी ने बताया था कि शिंदे को सोमवार शाम को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए एक अन्य मामले की जांच के सिलसिले में जब पुलिस के एक वाहन में ले जाया जा रहा था तभी उसने पुलिसकर्मियों में से एक की रिवॉल्वर छीन ली और गोली चला दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की, जिसमें उसकी मौत हो गयी।
उन्होंने बताया कि शिंदे ने एक एपीआई पर गोली चलायी जिसके बाद पुलिस दल में शामिल एक अन्य अधिकारी ने उस पर गोली चलायी और कलवा सिविक अस्पताल में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बहरहाल, उसके परिवार के सदस्यों ने इस पर सवाल खड़े किए हैं कि शिंदे ने पहले पुलिसकर्मी पर गोली चलायी और बाद में पुलिसकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की।
शिंदे की मां और चाचा ने सोमवार रात को कलवा अस्पताल के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘यह कहना गलत है कि पहले उसने एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीनी और गोली चलायी तथा बाद में पुलिस ने आत्मरक्षा में उस पर गोली चलायी।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘पुलिस ने दबाव बनाकर उससे इकबालिया बयान लिखवाया कि उसने अपराध किया है। उन्होंने उससे क्या लिखवाया है, यह तो वही जानें।’’
अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने कहा कि उनके बेटे की हत्या की जांच की जानी चाहिए।
उसकी मां और चाचा ने आरोप लगाया कि यह पुलिस और बदलापुर स्कूल प्रबंधन की साजिश है। उन्होंने दावा किया कि अक्षय ने अपने एक रिश्तेदार को बताया था कि हिरासत में पुलिस ने उसे पीटा है और उसने पैसे मांगते हुए एक पर्ची भी भेजी थी।
उसकी मां और चाचा ने पुलिस के दावे पर सवाल उठाया और कहा कि वह किसी पुलिसकर्मी का हथियार नहीं छीन सकता था। उन्होंने बताया कि वह तनाव में नहीं था।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पुलिस ने हमारे बच्चे की हत्या कर दी। स्कूल प्रबंधन की भी जांच की जानी चाहिए। पुलिस ने उससे कुछ लिखवाया था लेकिन हमें नहीं पता कि क्या लिखवाया, केवल वह जानता था।’’
अक्षय की मां ने पूछा, ‘‘मेरा बेटा पटाखे जलाने और सड़क पार करने से भी डरता था। वह किसी पुलिसकर्मी पर गोली कैसे चला सकता है?’’
उसके परिवार के सदस्यों ने भी कहा कि उसके खिलाफ मामले में सुनवाई के लिए उसे अदालत ले जाया जाना चाहिए था और पुलिस ने कैसे उसे गोली मार दी।
उन्होंने कहा, ‘‘अक्षय के खिलाफ मामलों में आरोप साबित नहीं हुए हैं।’’
अक्षय की मां ने बताया कि वह उनसे पूछता था कि वह कब रिहा होगा।
उसके शव को मंगलवार को पोस्टमार्टम के लिए ले जाते हुए कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए।
अक्षय के माता-पिता को भी अपने मृत बेटे को देखने के लिए कलवा सिविक अस्पताल के प्रवेश द्वार के बाहर इंतजार करते हुए देखा गया। शिंदे को मृत घोषित किए जाने के बाद किसी को भी कलवा अस्पताल के उस कमरे के पास जाने की अनुमति नहीं दी गयी जहां शव रखा गया था।
अस्पताल के आसपास के इलाके में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम है और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को वहां तैनात किया गया है।
इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के कलवा-मुंब्रा से विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भी पुलिस के दावे को चुनौती दी और इसे ‘‘निराधार’’ बताया।
आव्हाड ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘कैसे हथकड़ी लगाया हुआ कोई आरोपी पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीन सकता है और उस पर गोली चला सकता है जबकि पांच से अधिक पुलिसकर्मी आसपास मौजूद थे।’’
उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में इस घटना का पूरा श्रेय लेगी। उन्होंने दावा किया, ‘‘यह तय है कि उन्होंने साजिश रची और उसकी हत्या करायी।’’
आव्हाड ने कहा कि हर कोई जानता है कि जिस स्कूल में यौन शोषण की घटना हुई, वह किसका है। उन्होंने पूछा, ‘‘वह आप्टे कौन है?’’
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