बाबरी विध्वंस प्रकरण : अदालत का निर्देश, वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा के लिए पत्र लिखे सीबीआई
जमात

लखनऊ, 18 मई केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने सोमवार को सीबीआई कार्यालय को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई करने के उद्देश्य से न्यायालय कक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भेजने के निर्देश दिए।

इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, उमा भारती और विश्व हिंदू परिषद नेता चंपत राय आदि अभियुक्त हैं।

विशेष न्यायाधीश एस. के. यादव ने अपने आदेश में यह भी जिक्र किया है कि उच्चतम न्यायालय ने गत आठ मई को विशेष न्यायालय को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस मामले की कार्यवाही जारी रखने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि कोरोना संक्रमण के कारण घोषित लॉकडाउन में अभियुक्तों और गवाहों को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश करना मुश्किल होगा।

विशेष सीबीआई अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुपालन में यह जरूरी है कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अदालत कक्ष में वीडियो कांफ्रेंस की सुविधा उपलब्ध कराएं। हालांकि, वह पहले 14 मई तक यह काम पूरा कर लेने की बात कह चुके हैं लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं हुआ।

उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत को उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार इस मामले की सुनवाई गत 20 अप्रैल तक पूरी कर लेनी थी लेकिन लॉकडाउन के कारण ऐसा नहीं हो सका। लिहाजा विशेष अदालत की अर्जी पर उच्चतम न्यायालय ने इस मियाद को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया।

विशेष सीबीआई अदालत अभियोजन पक्ष के बयान दर्ज कर चुकी है और अब उसे अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा-313 के तहत अभियुक्तों के बयान दर्ज करने हैं।

गौरतलब है कि छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में 49 मुकदमे दर्ज किए गए थे। जांच के बाद 49 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इनमें से 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)