काशी के मुस्लिम बहुल इलाके में 10 हजार दुकानों का तोड़ा जाना प्रस्तावित है, जिसमें दालमंडी बाजार का मुख्य हिस्सा शामिल है. यह कदम काशी विश्वनाथ धाम से जुड़ने वाले प्रमुख मार्गों को चौड़ा करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है.
900 मीटर लंबी और 8 फीट चौड़ी सड़क को 23 फीट तक चौड़ा करने का प्रस्ताव है, जिससे यातायात की भीड़भाड़ कम हो और श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में सहूलियत हो. हालांकि, यह फैसला दालमंडी के व्यापारियों के लिए मुसीबत का सबब बनता नजर आ रहा है.
दालमंडी: पूर्वांचल का 'सिंगापुर'
दालमंडी बाजार थोक और फुटकर व्यापार के लिए पूर्वांचल का प्रमुख केंद्र है. यहां 10 हजार से अधिक दुकानें हैं, जिनमें मोबाइल, कपड़ा, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स और ड्राई फ्रूट्स के कारोबार होते हैं.
मोबाइल बाजार: यहां 300 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन और एसेसरीज की दुकानें सजी हुई हैं.
कपड़ा बाजार: यहां ब्रांडेड कपड़ों के डुप्लीकेट मटेरियल से लेकर पारंपरिक बनारसी परिधान तक मिलते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक बाजार: खिलौने, सजावटी सामान और डुप्लीकेट गैजेट्स की दुकानें इस बाजार की पहचान हैं.
दुकानदार अशोक पांडेय कहते हैं, "किराए पर दुकान चलाने वाले पूरी तरह बेरोजगार हो जाएंगे." वहीं वामिक ने कहा, "होलसेल बाजार खत्म हो जाएगा और यहां सिर्फ खाने-पीने की दुकानें रह जाएंगी." कासिम रजा ने चिंता जताई कि छोटे दुकानदारों के लिए यह अस्तित्व का संकट बन जाएगा.
प्रस्तावित बदलाव और सरकार का तर्क
काशी विश्वनाथ धाम को सुगम बनाने के लिए यह विकास परियोजना जरूरी मानी जा रही है. पार्षद इंद्रेश कुमार ने कहा, "रास्ता चौड़ा होने से इमरजेंसी सेवाएं बेहतर होंगी और पर्यटकों की सुविधा बढ़ेगी."
- दालमंडी बाजार बनारसी नृत्य और संगीत का केंद्र हुआ करता था.
- भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान ने दालमंडी के महत्व को स्वीकारा था.
- साहित्यकार जयशंकर प्रसाद और भारतेंदु हरिश्चंद्र की कहानियों में इस जगह का उल्लेख मिलता है.
- यह इलाका बनारसी रईसी और संस्कृति का प्रतीक था.
दालमंडी का चौड़ीकरण स्थानीय व्यापारियों और काशी की सांस्कृतिक विरासत के लिए एक चुनौती बन गया है.