विदेश की खबरें | ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने युद्ध अपराध से जुड़े कथित ‘ट्वीट’ को बेवजह तवज्जो दी: चीनी अधिकारी

मॉरिसन ने गत सोमवार को चीन सरकार से कहा था कि वह उस विवादित तस्वीर को ट्वीट करने के लिए माफी मांगे, जिसमें एक ऑस्ट्रेलियाई सैनिक कथित तौर पर एक बच्चे की हत्या करता दिख रहा है।

इस ट्वीट के बाद चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच तनाव पैदा हो गया।

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चीन के उप राजदूत, वैंग शीनिंग ने शुक्रवार को कहा, ‘‘ दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह मामला इस तरह से बढ़ा कि मुद्दे से ही भटक गया और अब चीन में ‘ब्रेरेटन रिपोर्ट’ कुछ अधिक ही लोकप्रिय हो गई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अधिकतर लोगों को पता है कि अफगानिस्तान में क्या हुआ। लोग हैरत में हैं कि एक राष्ट्र के नेता ने चीन के एक आम युवा कलाकार के काम पर ऐसी प्रतिक्रिया दी।’’

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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पिछले दिनों एक ग्राफिक तस्वीर ट्वीट की, जिसमें एक ऑस्ट्रेलियाई सैनिक एक बच्चे के गले पर चाकू रखा हुआ था। बच्चे की गोद में एक मेमना भी था।

झाओ ने तस्वीर के साथ लिखा, ‘‘ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों द्वारा अफगानिस्तान के नागरिकों और कैदियों की हत्या से हर कोई स्तब्ध हैं। हम इस कृत्य की निंदा करते हैं और इसके लिए जिम्मेदारी तय करने की मांग करते हैं।’’

मॉरिसन ने कहा था कि झाओ द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर ‘‘झूठी’’, ‘‘अपमानजनक’’ और ‘‘संदर्भ से परे’’ है।

उन्होंने कहा था, ‘‘चीन की सरकार को इस पोस्ट के लिए शर्मिंदा होना चाहिए। इसने दुनिया की नजरों में उसे गिरा दिया है।’’

अमेरिका, न्यूजीलैंड और कनाडा के अधिकारियों ने भी चीन के इस ट्वीट की आलोचना की है।

यह पूरा मामला युद्ध अपराधों को लेकर एक सैन्य रिपोर्ट से जुड़ा है, जिसमें दावा किया गया था इस बात की ‘‘विश्वसनीय जानकारी’’ है कि ऑस्ट्रेलियाई विशेष बलों के मौजूदा एवं सेवानिवृत्त कम से कम 19 सैनिकों ने कथित तौर पर 39 अफगानों की गैरकानूनी तरीके से हत्या की थी।

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