पुणे, 19 नवंबर खगोलविदों के एक समूह ने पुणे के निकट स्थित वृहत मीटरवेव रेडियो दूरदर्शी (जीएमआरटी) का इस्तेमाल करते हुए दुर्लभ श्रेणी मैन-सीक्वेंस रेडियो पल्स या एमआरपी उत्सर्जकों के आठ तारों की खोज की है। प्रमुख अनुसंधान संस्थान एनसीआरए ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुणे स्थित राष्ट्रीय रेडियो खगोल भौतिकी केंद्र (एनसीआरए) के खगोल विज्ञानियों के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के एक समूह ने रेडियो तारों की दुर्लभ श्रेणी का पता लगाया जो असामान्य शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्रों के साथ सूर्य से भी गर्म होते हैं।
एनसीआरए ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इस दल ने जीएमआरटी का उपयोग करके पहले भी ऐसे तीन तारे खोजे हैं। विज्ञप्ति के अनुसार अब तक ऐसे कुल 15 एमआरपी का पता चला है जिनमें से 11 जीएमआरटी की मदद से खोजे गये हैं। इनमें से आठ 2021 में ही खोजे गये हैं। विज्ञप्ति में बताया गया कि उन्नत जीएमआरटी की अधिक बैंडविड्थ और उच्च संवेदनशीलता इसमें मददगार रही।
इसमें कहा गया, ‘‘ये खोज जीएमआरटी के साथ जारी एक सर्वेक्षण के परिणामस्वरूप सामने आई हैं। सर्वेक्षण की शुरुआत एमआरपी के रहस्य को सुलझाने के लिहाज से विशेष रूप से हुई थी।’’
संस्थान ने कहा कि एमआरपी सूर्य से अधिक गर्म तारे होते हैं। शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र और अधिक मजबूत स्टेलर विंड के कारण वे प्रकाशपुंज की तरह चमकते रेडियो कंपन उत्सर्जित करते हैं।
सबसे पहले एमआरपी की खोज 2000 में की गयी थी, लेकिन उन्नत जीएमआरटी के कारण ही पिछले कुछ सालों में इनकी अधिक संख्या में खोजा सका।
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