पुरी, 21 सितंबर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने शनिवार अपराह्न में पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के तकनीकी सर्वेक्षण का दूसरा चरण शुरू किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने खजाने के तीन दिवसीय सर्वेक्षण के दौरान भक्तों को अपराह्न एक बजे से शाम छह बजे तक सहोदर देवताओं के ‘दर्शन’ करने से रोक दिया। सर्वेक्षण के दौरान मंदिर के मुख्य द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे।
एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने इस मामले में श्रद्धालुओं से सहयोग मांगा। सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए मंदिर में प्रवेश करने वाले रत्न भंडार सूची कमेटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिश्वनाथ रथ ने कहा, ‘‘एएसआई 21, 22 और 23 सितंबर को सर्वेक्षण करेगा, जिसके दौरान यह पता लगाया जाएगा कि क्या रत्न भंडार के अंदर कोई छिपा हुआ कक्ष अथवा सुरंग है या नहीं। वे इस उद्देश्य के लिए अत्याधुनिक ‘रडार’ लाए हैं।’’
सर्वेक्षण का पहला चरण 18 सितंबर को आयोजित किया गया था। इस दौरान अतिरिक्त महानिदेशक जाह्नवीज शर्मा के नेतृत्व में एएसआई की 17 सदस्यीय तकनीकी टीम ने पाधी और न्यायमूर्ति रथ की उपस्थिति में रत्न भंडार और इसकी लेजर स्कैनिंग का प्रारंभिक निरीक्षण किया था।
टीम में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई), हैदराबाद के विशेषज्ञ भी शामिल थे।
एसजेटीए ने 18 सितंबर को एएसआई को पत्र लिखकर दशहरा और ‘कार्तिक’ महीने के दौरान देवताओं के विशेष अनुष्ठानों के मद्देनजर 24 सितंबर तक तकनीकी सर्वेक्षण पूरा करने का अनुरोध किया था। मंदिर में दुर्गा पूजा के अनुष्ठान 24 सितंबर से शुरू होंगे।
सूत्रों ने कहा कि एसजेटीए ने एएसआई से अनुरोध किया है कि वह निर्धारित समय के भीतर सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)