नयी दिल्ली, एक अगस्त लोकसभा में बृहस्पतिवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक सांसद ने कश्मीर घाटी में शिक्षण सत्र को पहले की तरह बहाल करने की मांग सरकार से की, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य ने राजस्थान में एक जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना का अनुरोध किया।
लोकसभा में शिक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के आगा सैयद मेहदी ने कहा कि कश्मीर घाटी में मौसम के लिहाज से शीतकालीन छुट्टियां होती हैं और उसके बाद शिक्षण सत्र शुरू होता था, लेकिन अब इसे बदलकर मार्च से कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मार्च में शिक्षण सत्र शुरू होने से शीतकालीन छुट्टियों का मकसद समाप्त हो जाता है और बच्चों पर अनावश्यक बोझ भी पढ़ता है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि कश्मीर घाटी की जलवायु, भौगोलिक परिस्थिति आदि को ध्यान में रखते हुए शीतकालीन छुट्टियों के बाद अकादमिक सत्र शुरू होने की व्यवस्था बहाल की जाए।
राजस्थान के उदयपुर से भाजपा के सदस्य मन्नालाल रावत ने मांग की कि विश्वविद्यालयों में जनजातीय अध्ययन केंद्र बनाए जाने चाहिए और उनके राज्य में एक जनजातीय विवि की स्थापना की जानी चाहिए।
राजस्थान के बांसवाड़ा से भारत आदिवासी पार्टी के सदस्य राजकुमार रोत और बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सदस्य राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि कई जगहों पर सरकारी स्कूलों में एक कमरे में एक से अधिक कक्षाओं के छात्रों को पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है, ऐसे में भारत के तरक्की करने के दावे बेकार हैं।
यादव ने समय-समय पर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने की भी जरूरत बताई।
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