देश की खबरें | सेना ने पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रामकता से निपटने के लिए अपार धैर्य, प्रतिबद्धता दिखायी : शीर्ष कमांडर
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

उधमपुर, 15 जनवरी सेना के एक शीर्ष कमांडर ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रामकता से निपटने के लिए सुरक्षा बलों ने अपार धैर्य और प्रतिबद्धता दिखायी और उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया गया। साथ ही, कहा कि पीएलए के साथ सैन्य गतिरोध पर वार्ता ‘‘बराबरी’’ के स्तर पर चल रही है।

उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले साल अगस्त के अंत से उत्तरी कमान द्वारा की गयी सभी कार्रवाई पर आज मैं काफी संतुष्ट हूं...अब रणनीतिक रूप से हम मजबूत स्थिति में हैं और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ बराबरी के साथ बात कर रहे हैं।’’

चार महीने पहले भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे के आसपास मुखपारी, रेचिन ला और मगर हिल समेत कई पहाड़ों की चोटियों पर अपना नियंत्रण मजबूत बना लिया। पीएलए द्वारा 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात इलाके में घुसपैठ के प्रयासों के बाद यह अभियान शुरू किया गया। चीनी सेना के ऐतराज के बावजूद भारतीय सेना इन चोटियों पर अपना कब्जा जमाए हुए है।

जनरल जोशी ने कहा कि उत्तरी कमान को चीन, पाकिस्तान और आंतरिक सुरक्षा स्थिति जैसी तीन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरी कमान को तीन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हम पश्चिम में पाकिस्तान से जूझ रहे हैं, जिसने आतंकवाद को अपनी राज्य नीति बना लिया है...उत्तर में एलएसी पर चीन का सामना कर रहे हैं...तीसरी चुनौती आंतरिक सुरक्षा स्थिति की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें (कोविड-19) महामारी के दौरान इन सब चीजों का मुकाबला करना पड़ा। लद्दाख में चीन की हरकत के बाद सेना ने इस पर नियंत्रण स्थापित कर लिया...हमने पूरी जिम्मेदारी से कर्तव्यों का निर्वहन किया।’’

उन्होंने कहा चीन ने पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति बदलने का प्रयास किया जिसका सेना ने जवाब दिया और बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश हो रही है।

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