देश की खबरें | वालोंग की लड़ाई की याद में सेना ने अरुणाचल में मोटरसाइकिल अभियान को हरी झंडी दिखाई

ईटानगर, नौ नवंबर वालोंग की लड़ाई की याद में भारतीय सेना की ओर से आयोजित एक मोटरसाइकिल अभियान को अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी के मिपी से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि यह अभियान 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान देश के लिए लड़ने वाले सैनिकों के सम्मान में और वालोंग की लड़ाई की याद में आयोजित किया गया है।

दाओ डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल वीएस देशपांडे ने शुक्रवार को अनिनी के विधायक मोपी मिहू और राज्य सरकार के विभिन्न अधिकारियों की मौजूदगी में इस अभियान को हरी झंडी दिखाई।

अभियान दल में सेना की स्पीयर कोर के 10 जवान और 10 आम नागरिक शामिल हैं। उन्होंने लोअर दिबांग घाटी जिले के रोइंग और अंजॉ जिले के ह्युलियांग में विश्राम की योजना बनाई है।

लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने कहा कि अभियान दल में सवार सदस्य मिशमी पर्वतमाला से गुजरते हुए प्राचीन दिबांग और लोहित घाटियों को पार करेंगे। उन्होंने बताया कि यह अभियान 11 नवंबर को अंजॉ जिले के ऐतिहासिक वालोंग युद्ध स्मारक पर समाप्त होगा।

सेना के मुताबिक, वालोंग की भीषण लड़ाई अरुणाचल प्रदेश के सुदूर पूर्वी हिस्सों में किबिथु, नामती ट्राई जंक्शन (टाइगर्स माउथ के नाम से मशहूर), वालोंग और आसपास के इलाकों में हुई थी।

उसने बताया, “अक्टूबर 1962 में जब चीनी सेना भारतीय क्षेत्र में आक्रामक रूप से आगे बढ़ी, तो रणनीतिक लिहाज से अहम वालोंग सेक्टर की रक्षा की जिम्मेदारी भारतीय सेना के प्रतिष्ठित 2 इंफेंटरी डिवीजन की 11वें इंफेंटरी ब्रिगेड के बहादुर जवानों पर आ गई।”

सेना के अनुसार, 6 कुमाऊं, 4 सिख और 3/3 गोरखा राइफल्स की युद्धक इकाइयों से लैस इस ब्रिगेड को एक ऐसे प्रतिद्वंद्वी से अपनी जमीन बचाने का जिम्मा सौंपा गया था, जो न केवल संख्यात्मक रूप से मजबूत था, बल्कि हथियारों एवं संसाधनों से भी बेहतर ढंग से सुसज्जित था और लाभप्रद स्थिति में था।

उसने कहा कि 11वीं इंफेंटरी ब्रिगेड के बहादुर जवानों ने चीन को आगे बढ़ने से रोका, जिससे देश का मनोबल बढ़ा और भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस का प्रदर्शन हुआ।

लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों के बीच एक ऐतिहासिक मार्ग से गुजरने वाला यह अभियान सीमावर्ती क्षेत्रों में एकता और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक पड़ाव अभियान दल में शामिल सदस्यों के लिए स्थानीय समुदायों से जुड़ने का अवसर होगा, जो क्षेत्र की भावना को परिभाषित करने वाली ताकत, लचीलेपन और एकजुटता को उजागर करेगा और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देगा।

यह मोटरसाइकिल अभियान महीने भर चलने वाले उस उत्सव का एक हिस्सा है, जो 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान हुई वालोंग की लड़ाई की 62वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 17 अक्टूबर को शुरू हुआ था।

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