नयी दिल्ली, एक अक्टूबर भारतीय सेना ने बल को बदनाम करने के उद्देश्य से इसके वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ ‘‘विद्वेषपूर्ण’’ सोशल मीडिया प्रचार चलाने की खातिर बृहस्पतिवार को पाकिस्तान की आलोचना की।
सेना ने बयान जारी कर कहा कि यह धर्मनिरपेक्ष संगठन है और सभी अधिकारी और सैनिक जाति, धर्म, मत या लिंग से परे गौरव के साथ देश की सेवा करते हैं।
सेना ने लेफ्टिनेंट जनरल तरणजीत सिंह के खिलाफ पाकिस्तान की तरफ से चलाए गए विभिन्न सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र किया। सिंह सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) के तहत एकीकृत रक्षा स्टाफ के उप प्रमुख (अभियान) हैं।
सेना ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान भारतीय सेना और खासकर लेफ्टिनेंट जनरल तरणजीत सिंह के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण सोशल मीडिया दुष्प्रचार चला रहा है, जो डीएमए में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारी हैं।’’
इसने कहा, ‘‘देश के अंदर धर्म आधारित असंतोष को भड़काने में विफल रहने पर पाकिस्तान हताश होकर अब भारतीय सेना में विभाजन की कोशिश कर रहा है।’’
सेना ने कहा कि संस्थान को बदनाम करने के इस तरह के विद्वेषपूर्ण प्रयासों को यह सिरे से खारिज करती है।
पाकिस्तान के कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में लेफ्टिनेंट जनरल सिंह के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की बात कही गई है और आरोप लगाया गया है कि वे एक खास समुदाय के खिलाफ पक्षपात को दर्शाते हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह डीएमए में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं जिसका गठन तीनों सेनाओं में महत्वाकांक्षी सुधार के लिए किया गया है।
इससे पहले सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि तीनों सशस्त्र बलों के पुनर्गठन का प्रयास जारी है ताकि संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा सके।
उन्होंने बताया, ‘‘पिछले नौ महीने से सीडीएस (प्रमुख रक्षा अध्यक्ष) की नियुक्ति की घोषणा के बाद तीनों सेनाओं के बीच हमने अभियानों, साजो सामान, प्रशिक्षण, सहयोग सेवाएं, संचार में साझापन लाने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं।’’
नीरज
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