ताजा खबरें | राज्यसभा में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक को मंजूरी

नयी दिल्ली, नौ फरवरी राज्यसभा ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से संबंधित एक अहम विधेयक को मंजूरी दे दी।

यह विधेयक कानून बनने के बाद दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) अध्यादेश, 2020 का स्थान लेगा।

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि विशेष उपबंध दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2021 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार हर किसी को अपना घर मुहैया कराना चाहती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरूआत की है।

पुरी ने इस विधेयक से पहले अध्यादेश लाये जाने पर कुछ सदस्यों की आपत्तियों को निराधार बताते हुए कहा कि यदि संसद का शीतकालीन सत्र होता तो इसकी आवश्यकता ही नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि यदि सरकार संसद सत्र की प्रतीक्षा करती और अध्यादेश नहीं लाती तो दिल्ली में विभिन्न स्तर पर प्राधिकार संपत्तियों को सील करना शुरू कर देते जिससे दिल्ली के नागरिकों को असुविधा होती।

संबंधित अध्यादेश पिछले साल 30 दिसंबर को जारी किया गया था और इसके जरिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधि (विशेष प्रावधान) द्वितीय अधिनियम, 2011 में संशोधन किया गया था।

पुरी ने कहा कि संप्रग सरकार के दस साल के शासन में इस क्षेत्र में एक लाख 77 हजार करोड़ रूपये का कुल आवंटन किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने छह साल में विभिन्न योजनाओं के तहत इस क्षेत्र के लिए करीब 11 लाख करोड़ रूपये का आवंटन किया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि 2022 तक देश के सभी लोगों के सिर के ऊपर छत हो, यह उनका एक सपना है। उनका यह भी कहना था कि मकान का स्वामित्व उस घर में रहने वाली महिला के नाम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना को बनाते समय यह आकलन किया गया था कि एक करोड़ 12 लाख मकानों का निर्माण करवाया जाना है।

मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इससे संबंधित वर्ष 2011 का कानून पिछले साल 31 दिसंबर तक वैध था। अध्यादेश के माध्यम से कानून की समय सीमा 31 दिसंबर, 2023 तक बढ़ा दी गयी थी।

वर्ष 2011 के कानून में 31 मार्च, 2020 तक राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव था। इसके अलावा उन कॉलोनियों को भी नियमित करने की बात थी जहां एक जून 2014 तक निर्माण हुआ था।

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