नयी दिल्ली, 18 नवंबर प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल ने बुधवार को कहा कि उसने ऐप विकसित करने वाली छोटी कंपनियों के लियेअपने ऐप स्टोर के कमीशन की दर को आधा घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया है। छोटी कंपनियों की श्रेणी में मंच पर 10 लाख डॉलर (करीब 7.4 करोड़ रुपये) की सालाना कमाई करने वाली इकाइयां आएंगी।
ऐप विकसित करने वालों से अधिक शुल्क लेने को लेकर पूर्व में एप्पल और और गूगल जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों की आलोचना होती रही है।
यह भी पढ़े | COVID-19 Facts: आपके मन में भी है कोरोना वायरस को लेकर ये सारे भ्रम, पढ़ें और अभी दूर करें.
एप्पल ने एक बयान में कहा कि नये ‘डेवलपर’ कार्यक्रम से नवप्रवर्तन को गति मिलेगी और इसका फायदा छोटी कंपनियां तथा स्वतंत्र रूप से ऐप पर काम करने वालों को अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
कंपनी के अनुसार, ‘‘नया ऐप स्टोर लघु व्यापार कार्यक्रम से उन इकाइयों को लाभ होगा, जो डिजिटल सामान और सेवाएं स्टोर पर बेचती हैं। उन्हें भुगतान वाले ऐप को लेकर अब कम कमीशन देना होगा।’’
यह भी पढ़े | Stock Market: शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 44,000 के पार, निफ्टी 12,900 के ऊपर.
एप्पल ने कहा कि घटी हुई दर यानी 15 प्रतिशत कमीशन के लिये वे इकाइयां पात्र होंगी, जिनकी पिछले साल कमाई 10 लाख डॉलर तक रही है।
कंपनी के अनुसार, ‘‘एप स्टोर लघु व्यापार कार्यक्रम एक जनवरी, 2021 को शुरू होगा। इसे ऐसे समय शुरू किया जा रहा जब लघु और स्वतंत्र डेवलपर लगातार और अभूतपूर्व वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के दौरान भी नवप्रवर्तन पर काम कर रहे हैं।’’
एप्पल ने कहा कि कमीशन कम होने का मतलब है कि ऐप के विकास से जुड़ी छोटी कंपनियों और उभरते उद्यमियों के पास निवेश के लिये अधिक राशि बचेगी और वे ऐप स्टोर परिवेश में अपना कामकाज बढ़ा सकेंगे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)