कानपुर (उप्र), 23 जून : वर्ष 1984 के सिख-विरोधी दंगों में संलिप्तता के आरोप में उत्तर प्रदेश के कानपुर में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस उप महानिरीक्षक बालेंद्र भूषण सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया कि उनकी अगुवाई में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने वर्ष 1984 के सिख-विरोधी दंगों से जुड़े मामले में बुधवार को पांच आरोपियों- जाटव, रमेश चंद्र दीक्षित, रविशंकर मिश्रा, भोला कश्यप और गंगाबख्श सिंह- को गिरफ्तार किया है. ये सभी किदवई नगर के विभिन्न हिस्सों के निवासी हैं. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए इन लोगों को चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
सिंह ने बताया कि इन लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 396 (डकैती और हत्या), 436 (घर को ध्वस्त करने के इरादे से विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल करना) तथा धारा 326 (खतरनाक हथियारों से जानबूझकर चोट पहुंचाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जिले में इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है. दो दिन पहले एसआईटी ने सिख-विरोधी दंगों से जुड़े मामले में किदवई नगर इलाके से ही मुबीन शाह तथा अमर सिंह नामक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने सिख-विरोधी दंगों के दौरान कानपुर में 127 लोगों की मौत के मामलों की फिर से जांच के लिए 27 मई 2019 को एसआईटी का गठन किया था. यह भी पढ़ें : Tamil Nadu: ओ पनीरसेल्वम पर पार्टी की बैठक में फेंकी गई बोतलें, आधी बैठक छोड़कर गए पूर्व मुख्यमंत्री
सिंह ने बताया कि दंगे के फरार अन्य षड्यंत्रकारियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि एसआईटी ने पूर्व में 96 मुख्य संदिग्ध लोगों को चिह्नित किया था, उनमें से 22 की मौत हो चुकी है. एसआईटी कुल 11 मामलों की जांच कर रही है और दिल्ली, पंजाब और राजस्थान में जाकर बस चुके इन मामलों के गवाहों से तथ्य एवं सबूत जुटा रही है. सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों पर वर्ष 1984 में सिख विरोधी दंगों के दौरान निराला नगर में गुरदयाल सिंह नामक व्यक्ति के घर में आग लगाने का आरोप है. उस समय गुरुदयाल के घर में किराये पर 12 परिवार रहते थे. उस घटना में तीन लोग जिंदा जल गए थे. वहीं, राजेश गुप्ता नामक एक दंगाई क्रॉस फायरिंग में मारा गया था.