देश की खबरें | भारत में कोविड रोधी टीकाकरण ने किया एक अरब खुराक का आंकड़ा पार

नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर भारत ने अपने कोविड रोधी टीकाकरण के तहत एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए बृहस्पतिवार को एक अरब खुराक का आंकड़ा पार कर लिया जिसके चलते देश में जगह-जगह जश्न मनाया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में इस साल 16 जनवरी से शुरू हुए कोविड रोधी टीकाकरण के तहत नौ महीने में मिली इस उपलब्धि की सराहना करते हुए इसे भारतीय विज्ञान, उद्यम और 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक भावना की जीत बताया।

मोदी ने यहां राम मनोहर लोहिया अस्पताल में टीकाकरण केंद्र का भी दौरा किया और अस्पताल के कर्मचारियों तथा कुछ लाभार्थियों से बातचीत की। उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी थे।

प्रधानमंत्री ने अभियान में शामिल लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देश के पास अब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी से निपटने के लिए टीके की 100 करोड़ खुराक का एक मजबूत सुरक्षा कवच है। उन्होंने कहा, ‘‘यह उपलब्धि भारत की है, भारत के प्रत्येक नागरिक की है।’’

कोविन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार बृहस्पतिवार के दिन रात 8.40 बजे तक कोविड रोधी टीके की 76 लाख से अधिक खुराक लगाई गईं।

मांडविया ने एक ट्वीट में देश को यह उपलब्धि हासिल करने पर बधाई दी और कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के सक्षम नेतृत्व का परिणाम है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राष्ट्र ने आज एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। वैक्सीन सेंचुरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता ने इस अभूतपूर्व रिकॉर्ड के लिए मार्ग प्रशस्त किया है।’’

कोविन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, आज दी गईं खुराकों में से 71 करोड़ से अधिक पहली खुराक थीं और 29 करोड़ खुराक दूसरी खुराक थीं।

भारत की 75 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी को कोविड-19 रोधी टीके की कम से कम एक खुराक मिल चुकी है, जिसमें नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने सभी पात्र लोगों को पहली खुराक दी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, देश के लगभग 93 करोड़ वयस्कों में से 31 प्रतिशत से अधिक को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक तेद्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वैज्ञानिकों, स्वास्थ्यकर्मियों और भारत के लोगों को कोविड-19 से संवेदनशील आबादी की रक्षा करने और टीकों के समतामूलक वितरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों के लिए बधाई।’’

विभिन्न देशों के नेताओं ने भी इस अवसर पर भारत को बधाई दी।

इस उपलब्धि पर देश में जगह-जगह जश्न का आयोजन किया गया जिसमें कैलाश खेर के एक गीत सहित लालकिले पर हुआ एक दृश्य-श्रव्य कार्यक्रम भी शामिल है जहां देश में खादी के सबसे बड़े लगभग 1,400 किलोग्राम वजनी तिरंगे झंडे का प्रदर्शन किया गया।

उधर, स्पाइसजेट ने इस उपलब्धि पर दिल्ली हवाई अड्डे पर जश्न मनाया जिसमें इसके बोइंग-737 विमान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्यकर्मियों की तस्वीर वाली सजावट की गयी। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मांडविया और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे।

इसके अलावा, कई मोबाइल नेटवर्क पर कॉलर ट्यून के रूप में 100 करोड़ खुराक लगाए जाने की उपलब्धि का जिक्र किया गया।

केंद्र सरकार के कई अस्पतालों पर बैनर लगाए गए और इस खास अवसर पर टीका लगवाने आए लोगों तथा अस्पताल कर्मियों को नाश्ता भी दिया गया। एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और अन्य संगठनों ने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लेकर जुलूस निकाले और परिसर में देशभक्ति के गीत गाए।

वहीं, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने राष्ट्रीय ध्वज के रंगों से अपने 100 धरोहर स्मारकों को रोशन किया। स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों, वैज्ञानिकों, टीका बनाने वालों और देश के नागरिकों को सम्मान देने के लिए ऐसा किया गया जिन्होंने वैश्विक महामारी का हिम्मत से सामना किया है।

बड़े बंदरगाहों पर सभी जहाजों ने इस उपलब्धि की खुशी में हूटर बजाए। वहीं, दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने अपनी ट्रेनों और स्टेशनों पर इस संबंध में उद्घोषणाएं कीं तथा संदेश प्रदर्शित किए।

दक्षिण-पूर्व एशिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने इस उपलब्धि के लिए देश को बधाई देते हुए कहा कि यह मजबूत राजनीतिक नेतृत्व के बिना संभव नहीं था।

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) इंडिया ने भी यह उपलब्धि हासिल करने के लिए सरकार को बधाई दी और टीकाकरण की गति हालिया महीनों में तेज करने के भारत के प्रयासों का स्वागत किया।

अब तक, नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लक्षद्वीप, सिक्किम, उत्तराखंड और दादरा और नगर हवेली में सभी वयस्क लोगों को कम से कम एक खुराक लग चुकी है।

देश में टीकों की सर्वाधिक खुराक देने वाले शीर्ष पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात और मध्य प्रदेश शामिल हैं।

एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जब जनवरी में कोविड टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था तो बहुत से लोगों को इसकी सफलता को लेकर संदेह हुआ, हालांकि ''नौ महीने से भी कम समय में हमने 100 करोड़ खुराक देने का लक्ष्य हासिल कर लिया। यह भारत के लिए गर्व का दिन है।''

वहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और को-विन पोर्टल के प्रमुख डॉ आर एस शर्मा ने कहा कि 100 करोड़ से अधिक खुराक लगाने में को-विन पोर्टल की भी अहम भूमिका रही।

शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि भारत ने एक साल से भी कम समय में पूरे यूरोपीय क्षेत्र में रहने वाली आबादी से भी अधिक लोगों का टीकाकरण करने में सफलता पायी है।

इस बीच, कोविड कार्य बल के प्रमुख वी के पॉल ने कहा कि यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है और यह भारत में बने टीकों के जरिए हासिल की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज, भारत ने एक अहम मुकाम हासिल किया है। हमारे देश में लोगों को कोविड-19 टीके की सौ करोड़ खुराक, यानी एक अरब खुराक दी जा चुकी हैं।’’

पॉल ने कहा, ‘‘इससे भी अधिक उल्लेखनीय बात यह है कि यह भारत में निर्मित टीकों के सहारे हासिल की गई उपलब्धि है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन लोगों को टीके की पहली खुराक मिली है, वे दूसरी खुराक लें। दूसरी खुराक के बिना, टीकाकरण पूरा नहीं होता, इसका मतलब है कि आप पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं।"

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में टीकाकरण मुहिम शुरू होने के 85 दिन बाद तक 10 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी थीं, इसके 45 और दिन बाद भारत ने 20 करोड़ का आंकड़ा छुआ और उसके 29 दिन बाद यह संख्या 30 करोड़ पहुंच गई।

देश को 30 करोड़ से 40 करोड़ तक पहुंचने में 24 दिन लगे और इसके 20 और दिन बाद छह अगस्त को देश में टीकों की दी गई खुराकों की संख्या बढ़कर 50 करोड़ पहुंच गई। इसके बाद उसे 100 करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने में 76 दिन लगे।

टीकाकरण मुहिम की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी और इसके पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए थे। इसके बाद दो फरवरी से अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण आरंभ हुआ था। टीकाकरण मुहिम का अगला चरण एक मार्च से आरंभ हुआ, जिसमें 60 साल से अधिक आयु के सभी लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके लगाने शुरू किए गए।

देश में 45 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक अप्रैल से आरंभ हुआ था और 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक मई से शुरू हुआ।

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