नयी दिल्ली, 30 अप्रैल भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल ने म्यूचुअल फंड को संचालित करने वाले मानदंडों में मंगलवार को संशोधन किया। इसके तहत परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को संभावित बाजार दुरुपयोग रोकने के लिए एक ‘संस्थागत व्यवस्था’ स्थापित करना जरूरी बनाने का फैसला किया गया है।
यह संस्थागत व्यवस्था पहचान और संभावित बाजार दुरुपयोग की रोकथाम के अलावा प्रतिभूतियों में ‘फ्रंट-रनिंग’ (कीमत को प्रभावित करने वाली संवेदनशील जानकारी के आधार पर ब्रोकर का कारोबार करना) और धोखाधड़ी वाले लेनदेन पर नजर रखेगी।
बाजार नियामक ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि व्यवस्था में उन्नत निगरानी प्रणाली, आंतरिक नियंत्रण प्रक्रियाएं और ‘फ्रंट रनिंग’, भेदिया कारोबार और संवेदनशील जानकारी के दुरुपयोग सहित विशिष्ट प्रकार की गड़बड़ी की पहचान, निगरानी और समाधान करने के लिए प्रक्रियाएं शामिल होनी चाहिए।
बयान के मुताबिक इसके अलावा अपनी योजनाओं के निवेश को पूरी तरह से समाप्त करने में असमर्थता के संबंध में पूर्ववर्ती उद्यम पूंजी कोष (वीसीएफ) मानदंडों के तहत पंजीकृत वीसीएफ के समक्ष आने वाले मुद्दों के समाधान को लेकर सेबी के निदेशक मंडल ने प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
इस प्रस्ताव के तहत ऐसे वीसीएफ को वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) नियमों में स्थानांतरित होने और अघोषित निवेश के मामले में एआईएफ के लिए उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाने का विकल्प मिलेगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)