मुंबई, सात सितंबर महाराष्ट्र में विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले विधान भवन परिसर में सोमवार को अव्यवस्था का माहौल देखने को मिला क्योंकि कई विधायकों की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होने की वजह से उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया।
कोविड-19 महामारी के बीच राज्य विधानसभा को दो दिवसीय सत्र शुरू हुआ है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे और विधान भवन में प्रवेश नहीं कर पाने वाले अन्य विधायकों ने राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार से इसकी शिकायत की।
पवार ने विधानसभा के सचिव राजेंद्र भागवत को फोन करके उनसे कहा कि जिन सदस्यों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट में संक्रमण नहीं होने की पुष्टि हुई है, उन्हें जल्द से जल्द प्रवेश दिया जाए।
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उन्होंने स्थानीय पुलिस उपायुक्त को भी तलब करके उनसे विधान भवन के मुख्य द्वार पर जमा भीड़ को हटाने के लिए कहा।
पवार ने विधानसभा के कर्मचारियों से कहा कि वे सदस्यों के बैज और उनकी परीक्षण रिपोर्ट की जांच पहले कर लें। कई सदस्यों ने निजी रूप से जांच कराई है और अगर उनकी रिपोर्ट में संक्रमण नहीं होने की पुष्टि हुई है तो उन्हें प्रवेश दें।
विधान भवन के सूत्रों के मुताबिक सप्ताहांत में विधायकों, मंत्रियों, नौकरशाहों, विधानसभा कर्मियों और पत्रकारों के 2,115 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 58 नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
इसी बीच विधान भवन इमारत की सीढ़ियों पर विपक्षी पार्टियों के कुछ विधायकों ने मेडिकल दाखिले में क्षेत्रीय आरक्षण को खत्म करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।
महाराष्ट्र के इतिहास में यह सबसे कम अवधि वाला मानसून सत्र है। राज्य में अब तक नौ लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
हालांकि इसी बीच सत्र की बैठक शुरू हो गयी है और विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झीरवाल ने सदस्यों से शारीरिक दूरी बनाए रखने और मास्क पहनने की अपील की।
झीरवाल ने सदस्यों से कहा कि वे उन सीटों पर न बैंठें जिन पर ‘बैठने से मना करने वाले’ संकेत हैं। शारीरिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए सदस्य दर्शक दीर्घा में भी बैठ रहे हैं।
वहीं उपाध्यक्ष ने सदस्यों से यह भी कहा है कि वे बोलते समय मास्क पहने रहें। वह फिलहाल सदन की अध्यक्षता कर रहे हैं क्योंकि अध्यक्ष नाना पटोले पिछले सप्ताह कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अस्वस्थ हैं।
सत्र शुरू होने के बाद उप मुख्यमंत्री पवार ने जीएसटी और आकस्मिक निधि में संशोधनों से जुड़े अध्यादेश पेश किए।
राज्य सरकार ने सदस्यों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के खतरे को कम करने और सदन के काम में बाधा भी नहीं पहुंचे, इसके लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं। विधायकों के लिए अनिवार्य एंटीजन जांच, कोविड-19 किट का वितरण और नई बैठक व्यवस्था समेत कई अन्य कदम उठाए गए हैं।
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