नयी दिल्ली, 22 जुलाई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बृहस्पतिवार को ‘पौधारोपण अभियान’ का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान कोयला खदानों, कॉलोनियों, कार्यालयों और अन्य उपयुक्त इलाकों में बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाएगा।
यह आयोजन कोयला और लिग्नाइट के भंडार वाले 10 राज्यों के 38 जिलों में फैले 130 से भी अधिक स्थानों पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि शाह नई दिल्ली में केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की उपस्थिति में इस ‘‘पौधारोपण अभियान’’ का शुभारंभ करेंगे।
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री छह इको-पार्क और पर्यटन स्थलों का भी उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
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बयान के मुताबिक कोयला मंत्रालय द्वारा सभी कोयला और लिग्नाइट पीएसयू को शामिल करते हुए ‘‘पौधारोपण अभियान’’ आयोजित किया जाएगा। इस दौरान कोयला और लिग्नाइट पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) की खदानों, कॉलोनियों और अन्य उपयुक्त इलाकों में बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाएगा और आस-पड़ोस के इलाकों में पौधे वितरित किए जाएंगे ताकि समाज द्वारा पौधारोपण को बढ़ावा दिया जा सके।
इको-पार्क और पर्यटन स्थल आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए मनोरंजन, एडवेंचर, जल खेलों, पक्षियों को देखने आदि के लिए विकल्प प्रदान करेंगे और पर्यटन सर्किट का हिस्सा बनने के लिए इन्हें एकीकृत भी किया जा सकता है।
बयान में कहा गया कि आत्मनिर्भरता के लिए राजस्व उत्पन्न करने और स्थानीय लोगों के रोजगार की संभावनाएं पैदा करने के लिए इन स्थलों की योजना बनाई जा रही है।
कोयला मंत्रालय की ओर से बताया गया कि ‘‘गोइंग ग्रीन’’ पर कोयला क्षेत्र का सबसे ज्यादा ज़ोर रहेगा जिसमें खनन किए गए इलाकों और खनन से निकले ढेरों के पारिस्थितिक पुनर्विकास, खदानों में और उनके आसपास और उपयुक्त स्थानों पर पौधारोपण के माध्यम से ग्रीन कवर यानी हरित दायरे को अधिकतम किया जाना शामिल है।
मंत्रालय की 'गोइंग ग्रीन' पहल कोयला, लिग्नाइट पीएसयू और निजी खनिकों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से शुरू होगी।
इस साल तीन कोयला और लिग्नाइट पीएसयू - कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) ने कोयला क्षेत्रों में और उनके आसपास 1789 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है।
इसके अंतर्गत जैव-पुन: चक्रण और पौधारोपण (1626 हेक्टेयर क्षेत्र), घास भूमि का निर्माण (70 हेक्टेयर क्षेत्र), हाइ-टेक कल्टीवेशन (90 हेक्टेयर क्षेत्र) और बांस वृक्षारोपण (3 हेक्टेयर क्षेत्र) का काम शामिल है।
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