वाशिंगटन, 26 मार्च अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने क्वाड देशों के नेताओं के साथ हुई हाल की बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि उनका देश अपने साझेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर नियमों का पालन करने के लिए चीन को जवाबदेह ठहराने जा रहा है।
बाइडन ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के नेताओं के साथ बैठक की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘इस महीने की शुरुआत में जाहिर तौर पर चीन का ध्यान हम पर गया क्योंकि मैंने अपने सहयोगियों से मुलाकात की और क्योंकि ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, अमेरिका क्षेत्र में चीन को जवाबदेह ठहराने जा रहे हैं।’’
व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में पहली बार अकेले किए गए संवाददाता सम्मेलन में बृहस्पतिवार को बाइडन ने कहा कि जल्द ही वह ‘‘भविष्य पर चर्चा’’ करने के लिए लोकतांत्रिक देशों के एक गठबंधन को वाशिंगटन आने का निमंत्रण देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट करने जा रहे हैं कि हम नियमों का पालन करने के लिए चीन को जवाबदेह ठहराएंगे चाहे ये नियम दक्षिण चीन सागर या उत्तर चीन सागर से जुड़े हो या ताइवान पर किए समझौते तथा अन्य चीजों से जुड़े हो।’’
इस संवाददाता सम्मेलन में दो विदेशी संवाददाता समेत विभिन्न मीडिया संगठनों के 30 पत्रकार शामिल हुए।
बाइडन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘चीन का एक लक्ष्य है और मैं इसके लिए उनकी आलोचना नहीं करता लेकिन उनका लक्ष्य दुनिया का सबसे अग्रणी देश बनने, सबसे अमीर देश और दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश बनने का है। मेरे नेतृत्व में ऐसा नहीं होगा क्योंकि अमेरिका और वृद्धि तथा विस्तार करता रहेगा।’’
अमेरिका का 46वां राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडन ने चीन के अपने समकक्ष शी चिनफिंग से फोन पर बात की थी। उन्होंने फोन पर दो घंटे तक बातचीत की थी।
बाइडन ने कहा कि ओबामा प्रशासन के दौरान उपराष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने शी के साथ घंटों बिताए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत सीधी-सी बात है। वह लोकतांत्रिक नहीं है लेकिन वह बहुत होशियार शख्स हैं। वह पुतिन की तरह हैं, जो सोचते हैं कि निरंकुशता भविष्य की लहर है। इस जटिल विश्व में लोकतंत्र काम नहीं कर सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं निर्वाचित हुआ और उन्होंने मुझे बधाई दी तो चीनी विशेषज्ञों के साथ मुझे भी हैरानी हुई, हमने दो घंटों तक बातचीत की। हमने एक-दूसरे से कई चीजों पर स्पष्ट बात की। मैंने एक बार फिर उन्हें स्पष्ट किया कि हम टकराव नहीं चाहते हालांकि हम जानते हैं कि बहुत कड़ी स्पर्धा है।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमने इस बात पर जोर दिया कि चीन अंतरराष्ट्रीय नियमों, न्यायपूर्ण प्रतिस्पर्धा, निष्पक्ष व्यापार के नियमों का पालन करें।’’
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