वाशिंगटन, 25 जुलाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐसे समय रूस की यात्रा करने को लेकर अमेरिका निराश है, जब वह यहां नाटो शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा था। यह बात अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सांसदों से कही है, जबकि अमेरिकी सांसदों ने भारत-रूस के बढ़ते संबंधों पर चिंता जतायी है।
दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने मंगलवार को यहां संसदीय बैठक में अमेरिकी सांसदों से कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी की मास्को यात्रा के प्रतीकवाद और समय को लेकर हमारी निराशा के बारे में आपसे पूरी तरह सहमत हूं। हम अपने भारतीय मित्रों के साथ बातचीत कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "यदि मैं उस यात्रा के संदर्भ पर कुछ प्रकाश डालूं तो संभव है कि आप कुछ आश्वस्त हों। मॉस्को जाने से दो सप्ताह पहले प्रधानमंत्री मोदी ने इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी मुलाकात की थी।"
लू ने कहा, "इसके बाद हम इस पर बहुत गौर कर रहे थे कि मोदी ने मॉस्को में क्या किया। हमने कोई नया बड़ा रक्षा सौदा नहीं देखा। हमने प्रौद्योगिकी सहयोग पर कोई बड़ी चर्चा नहीं देखी। इसके अलावा, आपने देखा होगा कि मोदी ने पुतिन के सामने टेलीविजन पर सीधे प्रसारण में कहा था कि यूक्रेन में युद्ध को युद्ध के मैदान में नहीं जीता जा सकता और युद्ध में बच्चों की मौत को देखकर उन्हें कितना दर्द हुआ था।"
लू ने कहा, "यह परोक्ष तौर पर कीव में बच्चों के अस्पताल पर बमबारी का संदर्भ है, जो उनके वहां रहने के दौरान हुआ था। महोदय, मैं इस यात्रा के बारे में आपकी चिंता को समझता हूं और हम उन चिंताओं को सीधे भारतीयों तक पहुंचाने की बहुत कोशिश कर रहे हैं। भारतीयों ने पिछले ढाई सालों में अरबों डॉलर की रक्षा खरीद को रद्द कर दिया है क्योंकि रूस अब आपूर्ति नहीं कर सकता। इसलिए हम इस पर बहुत मेहनत कर रहे हैं।"
वह इस संबंध में भारत और भारतीय अमेरिकियों के कॉकस के पूर्व सह-अध्यक्ष सांसद जो विल्सन के एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जिनका मैं बहुत सम्मान करता हूं और प्रशंसा करता हूं, को मॉस्को में युद्ध अपराधी पुतिन को गले लगाते हुए देखकर हैरान और दुखी हूं, ठीक उसी दिन जब पुतिन ने यूक्रेन के कीव में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर जानबूझकर मिसाइलें दागी थीं।"
रिपब्लिकन पार्टी के सांसद ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी मेरे हीरो हैं, मैं उनसे नयी दिल्ली में मिल चुका हूं, अमेरिकी संसद को संबोधित करने के लिए दो बार उनका स्वागत कर चुका हूं। साथ ही, मैं साउथ कैरोलाइना की गवर्नर निक्की हेली के साथ मैडिसन स्क्वायर गार्डन और न्यूयॉर्क शहर में मौजूद रहा हूं। मैं प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ था। ह्यूस्टन, टेक्सास में 40,000 लोग मौजूद थे और यह कुछ ऐसा था जिसे मैं जानता हूं। यह दुनिया के इतिहास में करोड़पतियों का सबसे बड़ा जमावड़ा था।"
विल्सन ने कहा, "भारतीय अमेरिकी समुदाय बहुत सफल रहा है। भारतीय अमेरिकियों ने अमेरिका में किसी भी अप्रवासी समूह की तुलना में आय का उच्चतम स्तर हासिल किया है। वास्तव में, भारतीय अमेरिकी औसत अमेरिकी की तुलना में दोगुनी कमायी करते हैं और वास्तव में यह लोकतंत्र के साथ जुड़ाव के कारण है, न कि तानाशाही के कारण और तानाशाही के कारण विश्व अपराधी पुतिन विफल सोवियत संघ को बहाल करने की कोशिश कर रहे है और वह सबसे पहले रूस के लोगों का दमन करना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, "यह रूस के लोगों के लाभ के लिए नहीं, बल्कि कुलीन वर्गों के लाभ के लिए है, जैसे कि कम्युनिस्ट शासन कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष सदस्यों को लाभ पहुंचाने के लिए था। इसे ध्यान में रखते हुए, भारत को लोकतंत्र के लिए एक प्रकाश स्तंभ होना चाहिए और तानाशाही पर निर्भर नहीं होना चाहिए। भारत को घटिया रूसी हथियारों और सस्ती वस्तुओं पर निर्भर न होने के लिए क्या किया जा सकता है? और हम जानते हैं कि जो कच्चा तेल खरीदा जा रहा है, उसका वित्तपोषण यूक्रेन के लोगों को मारने वाला है।"
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