इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दो विशेषज्ञ चीन में महामारी की उत्पत्ति का पता लगाने के लिये भेजे गए मिशन का हिस्सा बने हैं। इस विषाणु का सबसे पहले पिछले साल मध्य चीन के वुहान शहर में पता चला था। चीन शुरू में जांच की अनुमति देने को तैयार नहीं था लेकिन कई देशों द्वारा डब्ल्यूएचओ से व्यापक जांच कराने की मांग के बाद उसने इजाजत दे दी।
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के आंकड़ों के असोसिएटेड प्रेस द्वारा हाल में किये गए विश्लेषण के मुताबिक अमेरिका में वायरस से मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है खासकर दक्षिण और पश्चिम में। यद्यपि यह अप्रैल में महामारी के शीर्ष पर रहने के दौरान हो रही मौत के आंकड़ों से काफी कम हैं।
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फ्लोरिडा विश्वविद्यालय की महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. सिंडी प्रिन्स ने कहा, “मुझे वास्तव में लगता है कि हम इसे नियंत्रित कर सकते हैं और यह मानवीय तत्व है जो सबसे ज्यादा जटिल है। यह हमारे देश का प्रयास होना चाहिए। जब हम संकट में हों तो हमें साथ मिलकर कोशिश करनी चाहिए और हम निश्चित रूप से यह नहीं कर रहे हैं।”
व्हाइट हाउस कोरोना वायरस कार्यबल के सदस्य एडमिरल ब्रेट गिरोयर ने सार्वजनिक रूप से मास्क पहनने को “नितांत अनिवार्य” बताया, जिसका कुछ अमेरिकी राज्यों में विरोध किया जा रहा है। स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के सहायक मंत्री गिरोयर ने ‘एबीसी’ को बताया, “अगर हम यह नहीं करते हैं तो हम वायरस पर नियंत्रण नहीं कर पाएंगे।” राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी शनिवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से मास्क पहना, डेमोक्रेट नेता नैंसी पेलोसी ने कहा कि रविवार को दिखा कि उन्होंने (ट्रंप ने) अपनी आदत को बदल लिया है।
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