विदेश की खबरें | अमेरिका: भारतीय मूल के काश पटेल एफबीआई में आमूल-चूल बदलाव के समर्थक
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

ट्रंप ने अपने निकट सहयोगी एवं विश्वासपात्र काश पटेल को शनिवार को इस पद के लिए नामित किया। ट्रंप की तरह पटेल का भी मानना है कि सरकार की कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है।

पटेल ने पिछले साल अपने साक्षात्कारों एवं अपनी पुस्तक में कई बार कहा है कि एक सदी पुराने एफबीआई में आमूलचूल बदलाव किया जाना चाहिए।

वह एफबीआई के वाशिंगटन मुख्यालय ‘जे. एडगर हूवर बिल्डिंग’ को बंद करने पर भी विचार कर सकते हैं। यदि पटेल सीनेट द्वारा उनके नाम की पुष्टि किए जाने के बाद एफबीआई निदेशक बनते हैं तो ‘जे. एडगर हूवर बिल्डिंग’ को बंद किया जा सकता है तथा इसके कर्मचारियों को देश के अन्य हिस्सों में भेजा सकता है।

पटेल ने सितंबर में ‘शॉन केली शो’ में एक साक्षात्कार के दौरान कहा था, ‘‘मैं पहले दिन ही एफबीआई हूवर बिल्डिंग को बंद करके अगले दिन इसे ‘डीप स्टेट’ के संग्रहालय के रूप में पुनः खोलूंगा। इसके बाद मैं उस इमारत में काम करने वाले 7,000 कर्मचारियों को पूरे अमेरिका में अपराधियों का पीछा करने के लिए भेजूंगा।’’

‘डीप स्टेट’ चुने हुए प्रतिनिधियों के समानांतर चलने वाली ऐसी गोपनीय एवं अनधिकृत प्रणाली को माना जाता है, जिसमें सेना, खुफिया और नौकरशाही के लोग शामिल होते हैं।

पटेल ने पिछले वर्ष ‘गवर्नमेंट गैंगस्टर्स: द डीप स्टेट, द ट्रुथ एंड द बैटल फॉर अवर डेमोक्रेसी’ नामक पुस्तक में भी एक सुधार का प्रस्ताव रखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यालय को वाशिंगटन से बाहर ले जाया जाए ताकि ‘‘संस्थागत कब्जा न हो सके और एफबीआई नेतृत्व को राजनीतिक चालबाजी में शामिल होने से रोका जा सके।’’

उन्होंने निगरानी के संदर्भ में भी बड़े पैमाने पर सुधार की बात की है। पटेल विदेशी खुफिया निगरानी अधिनियम के तहत एफबीआई द्वारा अपने निगरानी अधिकारियों के इस्तेमाल के कटु आलोचक रहे हैं।

पटेल (44) ने 2017 में तत्कालीन ट्रंप प्रशासन के अंतिम कुछ हफ्तों में अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री के ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ के रूप में काम किया था।

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