जरुरी जानकारी | संशोधित ऋण गारंटी योजना से स्टार्टअप के वित्तपोषण, शोध एवं विकास में बढ़ावा मिलेगा: सरकार

नयी दिल्ली, नौ मई स्टार्टअप फर्मों के लिए संशोधित कर्ज गारंटी योजना से उन्हें ऋण देने से जुड़ा जोखिम कम होगा जिससे शोध एवं विकास करने और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के सृजन के लिए उन्हें अधिक वित्तीय मदद मिल सकेगी। शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

सरकार ने बृहस्पतिवार को संशोधित ‘स्टार्टअप के लिए ऋण गारंटी योजना’ (सीजीएसएस) को मंजूरी दी, जिसमें प्रति उधारकर्ता गारंटी कवर की सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दी गई है।

सीजीएसएस का व्यापक उद्देश्य पात्र स्टार्टअप कंपनियों को वित्तपोषित करने के लिए सदस्य संस्थानों द्वारा दिए गए ऋण साधनों पर निर्दिष्ट सीमा तक गारंटी देना है।

यह योजना स्टार्टअप कंपनियों को बेहद जरूरी गारंटी-मुक्त ऋण मुहैया कराने में मदद करेगी।

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कहा, “विस्तारित योजना से स्थापित वित्तीय संस्थानों में स्टार्टअप को ऋण देने से जुड़े जोखिम और कम हो जाएंगे। इससे स्टार्टअप के लिए शोध एवं विकास, प्रयोग करने और अत्याधुनिक नवाचार एवं प्रौद्योगिकियों के सृजन के लिए अधिक वित्तीय प्रवाह और मार्ग उपलब्ध हो सकेगा।”

संशोधित योजना में स्टार्टअप कंपनियों को 10 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए गारंटी कवर की सीमा बढ़ाकर 85 प्रतिशत और इससे अधिक के ऋण के लिए 75 प्रतिशत कर दी गई है।

देश में स्टार्टअप कंपनियों के लिए एक जीवंत पारिस्थितिकी तैयार करने के लिए स्टार्टअप इंडिया पहल और उनके लिए एक कार्ययोजना 16 जनवरी, 2016 को शुरू की गई थी।

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