प्रयागराज, 22 सितंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक धर्म की कथित तौर पर निंदा करने और लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने की आरोपी दो महिलाओं को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान ने अनीता देवी और दिव्या नाम की आरोपी महिलाओं की जमानत की अर्जी बुधवार को मंजूर की।
अभियोजन के मुताबिक, आजमगढ़ के महाराजगंज में अनीता देवी और दिव्या के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैर कानूनी धर्म परिवर्तन निषेध कानून, 2021 और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
दोनों महिलाओं पर आरोप है कि वे अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर एक धर्म का प्रचार प्रसार कर रही थीं और अन्य धर्म की निंदा कर रही थीं। साथ ही दोनों पर लोगों का धर्मांतरण कराने का भी आरोप लगाया गया।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि जांच के दौरान धर्म परिवर्तन कराए गए किसी व्यक्ति का पता नहीं चला और ना ही ऐसा कोई विवरण सामने आया जिससे यह साबित हो कि याचिकाकर्ताओं ने दूसरे धर्म के खिलाफ कुछ कहा था।
वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं का कोई आपराधिक अतीत नहीं है और दोनों 14 अगस्त, 2023 से जेल में बंद हैं। वहीं, सरकारी वकील ने जमानत की अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया कि इन याचिकाकर्ताओं के खिलाफ संज्ञेय अपराध का मामला है।
अदालत ने अनिता देवी और दिव्या की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कहा, ‘‘इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों, अपराध की प्रकृति, साक्ष्य और वकीलों की दलीलों पर विचार करते हुए इन याचिकाकर्ताओं को जमानत देने का मामला बनता है और इस तरह से जमानत की अर्जी मंजूर की जाती है।’’
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