प्रयागराज, 24 जुलाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक कराने के कथित मुख्य साजिशकर्ता राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल मिश्रा को बुधवार को जमानत दे दी।
मिश्रा के खिलाफ इस पेपर लीक मामले मे प्रयागराज के सिविल लाइंस थाना में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद, कौशांबी पुलिस द्वारा उसके खिलाफ गैंगस्टर कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।
हालांकि, मिश्रा को सिविल लाइंस थाना में दर्ज मामले में जमानत मिल गई है, लेकिन वह जेल से बाहर नहीं आ सकेगा क्योंकि उसे गैंगस्टर कानून मामले में जमानत नहीं मिली है।
याचिकाकर्ता के वकील और अभियोजन पक्ष के वकील की जिरह सुनने के बाद न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी ने बुधवार को मिश्रा को जमानत दे दी। मिश्रा के अधिवक्ता ने दलील थी कि इस मामले में अन्य सह आरोपियों को पहले ही जमानत पर रिहा किया जा चुका है, इसलिए याचिकाकर्ता समानता के आधार पर जमानत पाने का पात्र है।
आरोप है कि मिश्रा इससे पहले पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में भी कथित तौर पर पेपर लीक का मुख्य साजिशकर्ता रहा है।
आरओ/एआरओ परीक्षा 11 फरवरी 2024 को संपन्न कराई गई थी जिसे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित कराया गया था। आयोग के सचिव अशोक कुमार ने दो मार्च 2024 को सिविल लाइंस थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज कराया था।
इसके बाद, जांच के दौरान राजीव नयन मिश्रा का नाम सामने आया। वह मेरठ, नोएडा और कौशांबी में अपने खिलाफ दर्ज इस मामले में पहले ही जमानत प्राप्त कर चुका है। इसके बाद, कौशांबी पुलिस ने राजीव नयन और उसके गिरोह के 23 अन्य सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर कानून के तहत मामला दर्ज किया था।
कौशांबी पुलिस ने राजीव नयन के खिलाफ कौशांबी के कोखराज, मंझनपुर और प्रयागराज के सिविल लाइंस थाना में दर्ज आपराधिक मामलों के आधार पर गैंगस्टर कानून के तहत मामला दर्ज किया था।
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