लखनऊ, 14 नवंबर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बृहस्पतिवार को बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने और घाटे से बचने के लिए विद्युत कंपनियों को आपसी तालमेल करके बिजली उत्पादन और वितरण करने की जरूरत पर जोर दिया।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने यहां ‘डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट’ (डीयूएम) के आठवें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में ऊर्जा का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि सभी विद्युत कंपनियां इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद के लिए समन्वय बनाकर उत्पादन, वितरण के लिए कार्य करें ताकि विद्युत उपभोक्ताओं पर न ज्यादा बोझ पड़े और न ही कम्पनियों को घाटा हो।
खट्टर ने कहा, ‘‘हमें देश में विद्युत उत्पादन को बढ़ाना भी है, साथ ही पूरे देश में सभी क्षेत्रों को ऊर्जा सुलभ हो, इसके लिए भी कार्य करना है।’’
उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए हरित ऊर्जा व सौर ऊर्जा पर अधिक ध्यान केन्द्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में 250 गीगावाट विद्युत की मांग है जो कि लगातार बढ़ रही है।
खट्टर ने राज्यों में भी परमाणु आधारित बिजली संयंत्रों की स्थापना पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार 2030 तक 500 गीगावाट गैर जीवाश्म ईंधन से बिजली प्राप्त करने पर भी कार्य कर रही है।
प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए. के. शर्मा ने कहा कि अयोध्या शहर को देश की पहली ‘सोलर सिटी’ के रूप में विकसित किया गया है और वहां पर 40 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी लगाया गया है। साथ ही स्ट्रीट लाइट और सरयू में नौका आदि भी सौर ऊर्जा से संचालित हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य 16 नगरों को भी आगे ‘सोलर सिटी’ के रूप में विकसित किया जायेगा।
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